Meerut News: मेरठ में लम्पी स्किन डिजीज के दृष्टिगत कार्तिक पूर्णिमा मेले में पशुओं का प्रवेश रहेगा वर्जित

Meerut News: गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में घातक वायरल बीमारी लम्पी स्किन डिजीज का प्रकोप फैला हुआ है। कार्तिक पूर्णिमा मेले में पशुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा।

Sushil Kumar
Published on: 27 Oct 2022 5:23 AM GMT
In view of lumpy skin disease in Meerut, entry of animals will be prohibited in Kartik Purnima fair.
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 मेरठ: लम्पी स्किन डिजीज के दृष्टिगत कार्तिक पूर्णिमा मेले में पशुओं का प्रवेश रहेगा वर्जित: Photo- Social Media

Meerut News: मेरठ गढमुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा मेले (Kartik Purnima Fair in Garhmukteshwar) के अवसर पर जिलाधिकारी हापुड द्वारा भेजे गये पत्र के क्रम में सार्वजनिक सूचना एवं अपील के संबंध में जिलाधिकारी दीपक मीणा (DM Deepak Meena) ने बताया कि प्रदेश में हापुड सहित अन्य पश्चिमी उ0प्र0 के सभी सीमावर्ती जनपदो में गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में घातक वायरल बीमारी लम्पी स्किन डिजीज (lumpy skin disease) का प्रकोप फैला हुआ है। इस बीमारी में पशुओ की त्वचा पर गांठनुमा फफोले व घांव हो जाते है, पशु को तेज बुखार बना रहता है एवं पशु चारा खाना बंद कर देता है।

गामिन पशुओ में गर्भपात हो जाता है तथा पशु बांझपन के शिकार हो जाते है। दुधारू पशुओ को दुध लगभग समाप्त हो जाता है। बीमारी 3 से 6 सप्ताह तक बनी रहती है तथा ईलाज के बाद पूर्ण स्वस्थ होने में 3 से 4 माह का समय लगता है। यह बीमारी गाय-भैंसो के साथ-साथ घोडे, गधे, खच्चर, ऊंट एवं हिरन प्रजाति के पशुओ का सर्वाधिक प्रभावित करती है। मेले प्रदर्शनी में पशुओ के एक स्थान पर एकत्र होने से लक्षणविहीन किन्तु रोग के वाहक पशुओ के द्वारा यह बीमारी अन्य सभी संपर्क में आने वाले पशुओ में घातक रूप से प्रबल संभावना है।

कार्तिक पूर्णिमा का मेला गंगा के किनारे होगा आयोजित

29 अक्टूबर से गढमुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा के किनारे राजकीय स्नान मेले का आयोजन किया जाना है। पर्व में उक्त गंगा स्नान मेले के साथ-साथ मेले में अश्व प्रदर्शनी/अश्व विपणन का कार्य भी होता रहा है। लेकिन इस वर्ष शासन से जारी दिशा-निर्देशों तथा निदेशक पशुपालन विभाग उ0प्र0 लखनऊ से दूरभाष पर प्राप्त मौखिक आदेश के क्रम में लंपी स्किन डिजीज रोग के कारण कार्तिक मेले में अश्व पदर्शनी/विपणन मेले के आयोजन पर रोक लगायी गयी है।

पशु प्रदर्शनी का आयोजन नहीं

उन्होने सभी अश्व प्रदर्शनी/विपणन में लगे व्यापारियों, आयोजको, पशु स्वामियों एवं गंगा स्नान हेतु जाने वाले श्रद्धालुओ से अपील की है कि वे गंगा स्नान मेले में किसी भी घोडे, गधे, खच्चर, गाय, बैल व भैंस को ना ले जाये एवं किसी भी प्रकार की पशु प्रदर्शनी का आयोजन न कराये।

Shashi kant gautam

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