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CBI के शिकंजे में फंसे वसीम रिजवी, वक्फ की संपत्ति हड़पने मामले में 5 के खिलाफ चार्जशीट

सीबीआई ने कहा कि मामले की रिपोर्ट वादी तौसिफुल हसन ने 27 मार्च 2017 को हज़रतगंज में दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि वादी की मां के नाम पर कानपुर में एक वक़्फ़ सम्पत्ति है जो...

Ramkrishna Vajpei
Published on: 1 Nov 2022 11:23 AM IST
cbi chargesheet against wasim rizvi on waqf property grab case
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वसीम रिजवी (Social Media)

Wasim Rizvi Waqf Property : सीबीआई के शिकंजे में फंस गए वसीम रिजवी। वक्फ की संपत्ति हड़पने के मामले में वसीम रिजवी सहित पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। उन पर वक्फ संपत्ति को खुर्द बुर्द करने और धोखाधड़ी करने का आरोप है।

आपको बता दें कि धोखाधड़ी कर वक़्फ़ सम्पत्ति हड़पने के मामले में शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी सहित पांच लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। और विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने इसे दर्ज करते हुए संज्ञान में ले लिया है। संज्ञा के बिंदु पर अब 19 नवम्बर को सुनवाई होगी। अदालत ने 19 नवम्बर को मामले के विवेचक को भी कोर्ट में हाज़िर रहने का आदेश दिया है।

सीबीआई की ओर से यह चार्जशीट सोमवार को दाखिल की गई है जिसमें शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी, सैयदन, वक़्फ़ बोर्ड के इंस्पेक्टर वकार रजा, नरेश कृष्ण सोमानी व विजय कृष्ण सोमानी को नामजद किया गया है।

सीबीआई ने कहा कि मामले की रिपोर्ट वादी तौसिफुल हसन ने 27 मार्च 2017 को हज़रतगंज में दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि वादी की मां के नाम पर कानपुर के स्वरूपनगर में एक वक़्फ़ सम्पत्ति है जो कि शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड में पंजीकृत है और वादी उस सम्पत्ति का मुतवल्ली है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया था कि अभियुक्त नरेश कृष्ण सोमानी और विजय कृष्ण सोमानी वादी की उक्त सम्पत्ति को हड़पना चाहते थे जिसके चलते अभियुक्तों ने सफ़दर महमूद नाम के व्यक्ति को ज़मीन की पूर्व मालिक तथा स्व. महमूदा बेगम का काल्पनिक बेटा अब्दुल सत्तार बनाकर शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी को अर्ज़ी दी।

जिसे 18 मार्च 2009 को बोर्ड ने ख़ारिज कर दिया और आदेश में लिखा की उक्त ज़मीन वक़्फ़ के अभिलेखों में दर्ज है। आरोप है कि इसके लगभग दो माह बाद 29 मई 2009 को वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी, प्रशासनिक अधिकारी ग़ुलाम सैयदन रिज़वी और इंस्पेक्टर वकार रजा को 27 लाख रुपए की रिश्वत दी गई, जिसके बाद अभियुक्तों ने आपस में साठगांठ और कूटरचना करके ज़मीन के वक़्फ़ पंजीकरण को निरस्त कर दिया, साथ ही पत्रावली से महत्वपूर्ण काग़ज़ात भी ग़ायब कर दिया।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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