TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

डेंगू रोकथाम मामला: SIT ने LDA अफसरों-बाबुओं को दी क्लीन चिट, CBI कोर्ट ने किया खारिज

aman
By aman
Published on: 29 Nov 2016 8:44 PM IST
डेंगू रोकथाम मामला: SIT ने LDA अफसरों-बाबुओं को दी क्लीन चिट, CBI कोर्ट ने किया खारिज
X
हिंडन नदी किनारे पक्षी विहार की जमीन प्राइवेट बिल्डरों को देने पर कोर्ट सख्त

लखनऊ: सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दस साल पहले डेंगू की रोकथाम के नाम पर ठेके, पट्टे के जरिए एलडीए में हुए करोड़ों के घोटाला मामले में अभियुक्तों को क्लीन चिट देते हुए दाखिल की गई एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

कोर्ट के विशेष जज एमपी चौधरी ने एसआईटी की रिपोर्ट को सतही करार देते हुए इस मामले की पुर्नविवेचना का आदेश दिया है। उन्होंने एसआईटी को इसके लिए कुछ 'अनसुलझे' प्रश्न भी सुझाए हैं।

क्या है मामला?

दो नवंबर 2007 को एलडीए के तत्कालीन मुख्य अभियंता त्रिलोकी नाथ ने इस घोटाले की थाना गोमतीनगर में कुल 11 एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक 23 अक्टूबर, 2006 को एलडीए के उपाध्यक्ष ने एक बैठक बुलाई। जिसमें प्राधिकरण की विकसित योजनाओं, अतिविशिष्ट इलाके में पटरी मरम्मत, मिट्टी डेनिंग, डेंगू से रोकथाम के लिए सफाई कार्य और पेड़ों की छंटाई आदि के निर्देश दिए गए।

टेंडर प्रक्रिया का नहीं रखा ध्यान

जिसके बाद उसी रोज मुख्य अभियंता ने जोन प्रभारियों को इस संदर्भ में पत्र भेजा। जोन प्रभारियों ने उसी रोज अपने इलाके से संबधित आगणन तैयार कर लिए। साथ ही बगैर सक्षम अधिकारियों की मंजूरी और बजट की स्थिति जाने बगैर और बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए उसी दिन ठेकेदारों से कोटेशन भी प्राप्त कर लिया। उसी दिन तुलनात्मक चार्ट बनाकर मुख्य अभियंता को भी भेज दिया गया। उसी दिन कई ठेकेदारों कम शुरू भी कर दिया।

पत्र जारी होने से पहले ही खत्म हुआ काम

31 अक्टूबर, 2006 तक काम पूरा भी हो गया। जबकि ठेकेदारों को कार्य प्रारंभ करने के लिए सूचित पत्र 12 फरवरी, 2007 को जारी किया गया। कार्य का अनुबंध पत्र इसके बाद हस्ताक्षरित हुआ।

गंभीर अनियमितता की शिकायत

18 कार्यों के लिए कुल एक करोड़ नौ लाख 78 हजार 610 रुपए का व्यय अनुमानित था। इनमें से 11 मामलों में गंभीर अनियमितता की शिकायत पाई गई। कमिश्नर के आदेश से तत्कालीन प्राविधिक परीक्षक लखनऊ मंडल, सतीश कुमार श्रीवास्तव व अपर आयुक्त वित्त, जगदीश चंद्र गौतम ने इस शिकायत की जांच की। जांच में अनेक गंभीर अनियमितताएं सामने आई।

एसआईटी को सौंपी गई थी जांच

दो नवंबर, 2007 को इस घोटाला मामले में 11 एफआईआर दर्ज हुई। जिसकी जांच एसआईटी को सौंप दी गई। 11 जुलाई, 2015 को एसआईटी ने सभी मामलों में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी। दो मामलो में अंतिम रिपोर्ट मंजूर करते हुए सीबीआई की विशेष कोर्ट ने अन्य नौ मामलों में अंतिम रिपोर्ट खारिज कर दी।

इनके-इनके हैं नाम

घोटाले के इस मामले में एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष वेंकटेश बहादुर सिंह, तत्कालीन सचिव डॉ. रामविलास यादव, तत्कालीन मुख्य अभियंता दवन राम यादव और तत्कालीन वित्त नियंत्रक डॉ. मोहन यादव समेत एलडीए के अन्य अधिकारियों और ठेकेदारों को नामजद किया गया था। अन्य अभियुक्तों में एलडीए के तत्कालीन लेखाधिकारी पारस नाथ, लेखाकार योगेश सिंह, सहायक लेखाकार दिनेश कुमार श्रीवास्तव, अवर अभियंता तेजदत्त सिंह, सहायक अभियंता देवेंद्र गोस्वामी, गिरीश चंद्र शर्मा, रोहित खन्ना और ठेकेदार चंदशेखर सिंह, रामबाबु शुक्ला, रिजवान अहमद, मनोज कुमार सिंह, राजेंद्र जोशी, कृष्ण कुमार शर्मा व बृज किशोर पांडेय के नाम शामिल हैं।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story