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सीबीआई जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा: मोहसिन रजा
लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री मोहसिन रजा अपने कामकाज के साथ ही अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। अपनी साफगोई को लेकर अलग पहचान रखने वाले मोहसिन रजा पूर्व क्रिकेटर रहे हैं। जब से वे मंत्री बने हैं तब से उनकी यही स्टाइल राजनीति में भी दिखाई पड़ती है। शिया वक्फ और सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा अनियमित खरीद-बिक्री और ट्रांसफर की गई संपत्तियों की सीबीआई जांच की सिफारिश को लेकर उनका विभाग इन दिनों खूब चर्चा में है। इन्ही सब मसलों को लेकर अपना भारत के श्रीधर अग्निहोत्री ने मोहसिन रजा से लंबी बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।
मंत्री पद संभालने के बाद ढाई साल का कार्यकाल कैसा रहा और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए क्या किया?
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय तो मंत्रिमंडल विस्तार में मिला है। पहले हज एवं वक्फ मंत्रालय था तो हमने वक्फ की सम्पतियों को बिकने नहीं दिया। साथ ही उनको पीपीपी माडल से उनकी इनकम बढ़ाकर गरीबों के कल्याण का काम किया है। मुख्यमंत्री ने वक्फ बोर्डों की लूट की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। जो दोषी है उनको सजा मिलेगी।
इन संपतियों पर जिन्होंने अवैध ढंग से कब्जा कर रखा है वह खाली कराया जाएगा। जहां तक हज मंत्रालय की बात है तो सरकार ने इतनी बढिय़ा व्यवस्था करा दी जिससे हज यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं हुई। इससे पहले किसी सरकार ने इतनी अच्छी व्यवस्था नहीं की। सभी हाजियों और आजमीनों ने लौटकर योगी सरकार की प्रशंसा की। योगी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के तहत ही काम कर रही है।
पहले हज हाउसों का रंग बदला गया और अब उनका नाम बदला जा रहा है। इसके पीछे क्या कारण है?
इसके पीछे कोई विशेष कारण नहीं है। किसी एक्स वाई जेड का नाम रखना जनता के साथ अन्याय होगा। हमारे पास सर्वसमाज के महापुरुष मौजूद हैं जिन्होंने धार्मिक या आजादी की लड़ाई लड़ी। हज हाउस आने वाले लोग वहां लगे शिलापट को पढ़ते हैं जिसमें उस महापुरुष के बारे जानकारी लिखी होती है। एपीजे अब्दुल कलाम, अबुल कलाम आजाद और बिस्मिल्ला खां हमारे लिए ऐसे महापुरुष हैं जो केवल मुस्लिम समाज के नहीं बल्कि सर्वसमाज के आदर्श हैं। इसलिए हमने इनके नाम पर हज हाउस के नाम रखे हैं।
मुस्लिम समाज की सबसे बड़ी समस्या क्या है और इसके समाधान के लिए विभाग क्या कर रहा है?
सबसे बड़ी समस्या शिक्षा की है। यदि पिछली सरकारों ने मुस्लिमों को शिक्षा देने का काम किया होता तो यह हाल न होता। विपक्षी केवल भाजपा से इस समाज को डराने का ही काम करते रहे। पिछली सरकारों ने मुस्लिम समाज को मदरसा से मनरेगा तक ले जाने का काम किया। हम मदरसे से उन्हें बड़े पदों तक ले जाना चाहते हैं। योगी सरकार ईमानदारी से इस दिशा में काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसीलिए एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कम्प्यूटर की बात कही है। वह उन्हें देश की मुख्यधारा से जोडऩा चाहते हैं। योगी सरकार मुस्लिम समाज को मुख्य धारा में ले जाना चाहती है। यदि समाज को आगे बढ़ाना है तो शिक्षा को बेहतर करना होगा।
अल्पसंख्यक समुदाय में सिख, ईसाई आदि भी हैं। इनके लिए क्या योजनाएं है और उन पर कितना अमल हो रहा है?
कई योजनाए केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर चलाती हैं। केन्द्र का अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय प्रदेश सरकार से मिलकर योजनाएं बना रहा है। राज्य और केन्द्र सरकार एमएसडीपी के माध्यम से अल्पसंख्यकों के सभी समुदायों को लेकर काम कर रही है। इसके तहत शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाएं आदि की व्यवस्था की जाती है। प्रधानमंत्री की हर घर जल योजना को भी इससे जोड़ दिया गया है। पिछली बार योगी सरकार ने चार हजार करोड़ का सबसे अधिक बजट दिया है।
आप वक्फ बोर्ड के भी मंत्री हैं। वक्फ सम्पत्ति की लूट की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की गयी है। इसे कैसे देखते हैं?
सीबीआई जांच की मांग पिछले दो दशकों से होती रही है और पिछली सरकारों के समय से ही इसकी मांग उठती रही है। इसमें अखिलेश यादव की भी सरकार रही और मायावती की भी मगर किसी ने इस दिशा में कुछ नहीं किया। शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड दोनों के अध्यक्ष सपा-बसपा सरकारों ने ही मनोनीत किए थे। यहां तक कि जो एफआईआर हुई है वह इन्ही सरकारों के कार्यकाल के दौरान हुई है मगर इन सरकारों ने इस पर लीपापोती की और यूपी मे हजारों करोड़ की सम्पत्तियां नष्ट की गयीं। इसीलिए ये लोग सीबीआई जांच की मांग को ठुकराते रहे। विभाग में धांधली और भ्रष्ट्राचार के तीन हजार से भी ज्यादा शिकायती पत्र आ चुके हैं। इसमे कई अधिकारी और कर्मचारी भी फंसेगे। कोई दोषी बच नहीं पाएगा। जांच में कई सफेदपोश सामने आएंगे।
वक्फ सम्पतियों को लेकर आप पर भी आरोप लग रहे हैं। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन डा.वसीम रिजवी ने भी आप पर आरोप लगाए हैं। इस पर आपका क्या कहना है?
इसका कोई मतलब नहीं है। आरोप तो आप किसी पर भी लगा सकते हैं। ऐसे लोग आरोपों से डराना चाहते हैं कि हम बैकफुट पर चले जाएं। जांच तो हम ही करा रहे हैं। जिनकी जांच हो रही है उन्हें चिंता करने की क्या जरूरत है। हमने ही दोनों वक्फ बोर्डों की जांच की मांग की थी। सीबीआई जांच में सबकुछ साफ हो जाएगा।