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HC से UP को ताजा झटका, अवैध खनन की स्टेटस रिपोर्ट देने से इनकार
इलाहाबादः अवैध खनन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को यूपी सरकार को सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट की कॉपी देने से इनकार कर दिया। स्टेटस रिपोर्ट की कॉपी सूबे के महाधिवक्ता ने मांगी थी। कोर्ट ने इस पर साफ कह दिया कि उचित समय पर रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी। बता दें कि सीबीआई ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया है कि यूपी के एक जिले में खनन माफिया और अफसरों के गठजोड़ से अवैध खनन हो रहा है। कोर्ट ने दूसरे जिलों की रिपोर्ट भी सीबीआई से मांगी है। एक जिले की रिपोर्ट देने पर कोर्ट नाराज भी हुआ।
कोर्ट ने क्या कहा?
चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने सीबीआई से नाराजगी भी जताई। दरअसल, सीबीआई ने कोर्ट से दिशा-निर्देश मांगा था। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी को रिपोर्ट देने के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में अर्जी देनी चाहिए थी। कोर्ट ने ये सवाल भी उठाया कि पूरे प्रदेश की जांच करनी थी, तो एक जिले को ही क्यों चुना गया। फिलहाल कोर्ट ने जांच जारी रखने और नियमानुसार कार्रवाई का आदेश सीबीआई को दिया है। इस बारे में अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।
अन्य मामलाः एक अन्य बेंच ने भी नहीं सुनी राकेशधर की अर्जी
आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में फंसे मायावती सरकार में मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी की मुश्किल और बढ़ गई है। हाईकोर्ट में जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस केजे ठक्कर की बेंच ने भी उनकी अर्जी सुनने से इनकार कर दिया। इससे पहले जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस सुनीता अग्रवाल के अलावा जस्टिस वीके शुक्ला और जस्टिस एमसी त्रिपाठी की बेंच भी राकेशधर की अर्जी सुनने से इनकार कर चुकी थी। उन्होंने विजिलेंस की ओर से वाराणसी की विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी है। अब उनकी अर्जी कोई और बेंच 14 सितंबर को सुनेगी।