केंद्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से 1976 में दिए दो करोड़ रुपए वापस मांगे

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By aman
Published on: 23 Aug 2017 6:35 PM GMT
केंद्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से 1976 में दिए दो करोड़ रुपए वापस मांगे
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानिबंधक से पूछा है, कि 'किस कानून के तहत वित्तीय वर्ष बीत जाने के बाद सरकार से प्राप्त धन वापस न कर हाईकोर्ट अपने पास रख सकता है। खर्च से बचा धन केंद्र के संचित निधि खाते या राज्य के लोक निधि खाते में वापस किया जा सकता है।' कोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूछा है, कि सरकार का खर्च से बचा धन किस उपबंध के तहत विभाग रख सकता है या वापस कर सकता है।

दरअसल, कोर्ट ने सरकारी धन को वित्तीय वर्ष बीत जाने के बाद भी अपने पास रखने को गंभीर मुद्दा माना है। कोर्ट ने सभी विभागों से वित्तीय अनुशासन पर अमल करने की उम्मीद जाहिर की है। कहा, कि हाईकोर्ट अन्य विभागों से भिन्न नहीं है। याचिका की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की खंडपीठ ने भारत संघ की याचिका पर दिया है।

बता दें, कि भारत सरकार ने 1976 में हाईकोर्ट को फंड दिया था, जिसमें से बचे दो करोड़ की वापसी की मांग की गई है। याचिका पर अधिवक्ता तरुण अग्रवाल व हाईकोर्ट के अधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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