आंखे खोल के देखो! एक ऐसी रामायण जिसका आरंभ ही 'बिस्मिल्लाह' से होता है

Rishi
Published on: 13 Sep 2017 12:22 PM GMT
आंखे खोल के देखो! एक ऐसी रामायण जिसका आरंभ ही बिस्मिल्लाह से होता है
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राजकुमार उपाध्याय

लखनऊ। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन शांति, सद्भाव और न्याय का प्रतीक है। उनकी जीवन गाथा रामायण के रूप में संकलित हुई। अब यही ग्रंथ गंगा-जमुनी तहजीब की सुगंध बिखेर रहा है। रामपुर रजा लाइब्रेरी ने रामायण (वाल्मीकि) ग्रंथ को नये कलेवर के साथ तीन खण्डों में पेश किया है। इसकी शुरूआत ही बिस्मिल्लाह-अर्रहमान-अर्रहीम से हुई है। खास बात यह है कि मूल ग्रंथ के तीन पन्ने सोने की स्याही से लिखे गए हैं।

दरअसल संस्कृ​त में वाल्मीकि लिखित रामायण का सन 1715 में सुमेर चंद ने फारसी में अनुवाद किया था। तब इसका मकसद जनता के बीच कौमी एकता का संदेश पहुंचाना था। अब जब देश के नये वर्ग के युवाओं के बीच फारसी इतनी प्रचलित भाषा नहीं रह गई है, इस भाषा को पढने और समझने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। तब रामपुर रजा लाइब्रेरी ने इस ग्रंथ का हिंदी में अनुवाद करने का निर्णय लिया।

अनुवाद के बाद रामायण (वाल्मीकि) ग्रंथ तीन खण्डों में सचित्र प्रकाशित किया गया है। 1368 पेज के इस ग्रंथ में कुल 258 चित्र हैं, मूल ग्रंथ का फारसी से हिंदी में अनुवाद और संपादन शाह अब्दुस्सलाम और डा वकारूल सहन सिद्दीकी ने किया है। ग्रंथ की कीमत पांच हजार रूपये रखी गई है। दुनिया में इस तरह की यह इकलौती रामायण है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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