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कोरोना खतराः सैनिटाइजेशन को लेकर सेंट्रल बार की आंदोलन की चेतावनी
इन हालात पर श्री पांडे ने लिखा कि न्यायालय परिसर में पूर्णतया सैनिटाइजेशन नहीं हो पा रहा है, ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो पा रहा है। उपरोक्त परिस्थितियों में न्यायालय का कार्य बड़े वर्ग के लिए प्राण घातक हो सकता है।
लखनऊ। सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ के महामंत्री संजीव पांडेय एडवोकेट ने जनपद न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में चेतावनी दी है कि गंभीर स्थिति को देखते हुए तथा अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए पूरे न्यायालय परिसर में सैनिटाइजेशन करने की व्यवस्था कराई जाए अन्यथा बाध्य होकर अधिवक्ता गण आंदोलन करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी न्यायालय प्रशासन की होगी। उन्होंने अधिवक्ताओं द्वारा अभद्रता व मारपीट की घटना को भी झूठा बताया और कर्मचारियों को आरोपित किया।
श्रीपांडेय ने पत्र में लिखा है कि केंद्रीय नाजिर द्वारा एक पत्र के माध्यम से यह बताया गया है कि 5 अगस्त को उनके स्टाफ के साथ कुछ अधिवक्ताओं द्वारा अभद्रता व मारपीट की गई है। उपरोक्त घटना के बारे में सेंट्रल बार एसोसिएशन द्वारा संज्ञान लिया गया। घटनास्थल का मुआयना किया गया। अधिवक्ताओं से जानकारी प्राप्त की गई। जिससे पता चला कि उपरोक्त घटना झूठी है। उन्होंने लिखा कि यदि पीड़ित व्यक्ति सामने आकर शिकायत करता है तो दोषी व्यक्ति के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाएगी।
नजारत के आदेश का हवाला देते हैं कर्मचारी
सेंट्रल बार के महासचिव संजीव पांडे ने लिखा कि आपको अवगत कराना है कि सैनिटाइज करने जो भी टीम आती है वह केवल औपचारिकताएं पूरी करती है। अभी अधिकांश चेंबर ऐसे हैं जहां एक भी दिन सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है। अधिवक्ताओं द्वारा यदि उनसे कहा जाता है तो उसके जवाब में संबंधित कर्मचारी कहते हैं कि नजारत द्वारा केवल कोर्ट और बरामदे के सैनिटाइजेशन कराने का आदेश है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में बार के पदाधिकारियों द्वारा भी कर्मचारियों से कहा गया लेकिन अनसुना कर दिया गया। बहुखंडीय बिल्डिंग में स्थित न्यायालय कक्ष व बरामदे में भी सैनिटाइजेशन नहीं हो पा रहा है जिस कारण अधिवक्ता समाज आक्रोशित है।
श्री पांडे इससे पहले भी जनपद न्यायाधीश को यह अवगत करा चुके हैं कि सेंट्रल बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता रवि प्रताप सिंह की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है अधिवक्ता रवि प्रताप सिंह कचहरी परिसर में आते जाते रहे हैं। बहुत से लोगों के साथ उनका मिलना जुलना रहा है। इससे कोरोना फैलने की आशंका हो गई है। इसके अतिरिक्त कई अन्य अधिवक्ता गण की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है और कुछ की कोरोना से मौत भी हो चुकी है।
इन हालात पर श्री पांडे ने लिखा कि न्यायालय परिसर में पूर्णतया सैनिटाइजेशन नहीं हो पा रहा है, ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो पा रहा है। उपरोक्त परिस्थितियों में न्यायालय का कार्य बड़े वर्ग के लिए प्राण घातक हो सकता है। अतः जनपद न्यायाधीश से निवेदन है कि उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए यदि सुरक्षा के उपाय संभव ना हों तो न्यायालय को पूर्ण रूप से बंद करने की कृपा करें।