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केन्द्र सरकार की पहल पर जौनपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की जगी उम्मीद

raghvendra
Published on: 15 Dec 2017 7:52 AM GMT
केन्द्र सरकार की पहल पर जौनपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की जगी उम्मीद
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तीन हजार एकड़ जमीन की तलाश खत्म होने के आसार

कपिल देव मौर्य

जौनपुर। केन्द्र सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग की पहल पर पूर्वान्चल में प्रस्तावित एक और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (एयर पोर्ट) बनने की संभावना प्रबल हो गयी है। एयरपोर्ट के लिए जौनपुर की तहसील मडिय़ाहूं में जमीन की तलाश जल्द ही खत्म होने के आसार प्रबल हो गए हैं। एयरपोर्ट के लिए तीन हजार एकड़ जमीन की जरूरत है जिसे तलाशने में जिले का प्रशासनिक अमला कामयाब होता नजर आ रहा है। इसकी पुष्टि स्वयं उप जिलाधिकारी मडिय़ाहूं ने की है।

सपने जैसी लग रही इस परियोजना के साकार होने की दशा में इस जनपद का विकास तेज गति से होना तय है। इस हवाई अड्डे के लिए वाराणसी जौनपुर भदोही तीनों जिले में जमीन की तलाश की जा रही थी। शासन ने सभी जिलो से सर्वे कराकर रिपोट मांगी थी। जिलाधिकारी ने इस जनपद के सभी उप जिलाधिकारियों को जमीन की तलाश के लिए लगा दिया था लेकिन एयरपोर्ट के लिए जौनपुर की मडिय़ाहूं तहसील को सफलता मिलने की संभावना सबसे अधिक बतायी जा रही हैं। जिलाधिकारी का दावा है कि एयरपोर्ट तो जौनपुर की मडिय़ाहूं तहसील में ही बनेगा यह इस वित्तीय वर्ष में जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

केन्द्र सरकार के नागरिक उड्डयन अनुभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय ग्रीन फील्ड एयर पोर्ट बनाने के लिए तीन हजार एकड़ जमीन मांगी गयी थी इस आशय का पत्र मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने जौनपुर, वाराणसी, भदोही के जिलाधिकारियों को भेजा था। इसके बाद तीनों जिले सक्रिय होकर जमीन की तलाश में जुट गए थे। पत्र मिलने के बाद शाहजहांपुर के जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम को अपने स्तर से 20 से 25 दिन के अन्दर जमीन तलाशने का आदेश दिया था। जिसके तहत तहसील मडिय़ाहूं के उप जिलाधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र के मईडीह, श्रीपालपुर, जोगापुर, कुम्भ, चकसैदीपुर, बरहलिया आदि गांवों में जमीन की तलाश की जा रही है। उपजिलाधिकारी ने अभ यह तो नहीं बताया कि जमीन कहां मिल रही है लेकिन उन्होंने भी सफलता मिलने की पूरी संभावना जतायी है। तीन हजार एकड़ जमीन पूरी होते ही रिपोर्ट शासन को भेज दी जायेगी।

सूत्र की मानें तो जौनपुर की तहसील मडिय़ाहूं और जनपद भदोही प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटा हुआ है। जिसके कारण इसी क्षेत्र में एयर पोर्ट को विकसित किया जाना है। इसी लिए यहां जमीन की तलाश की जा रही है। केन्द्रीय उड्डयन विभाग का मानना है कि जौनपुर मे एयर पोर्ट बनने पर आसपास के जनपदों इलाहाबाद, भदोही, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, जौनपुर आजमगढ़ आदि कई जिलों को हवाई यात्रा में लाभ मिल सकेगा।

मिली जानकारी के मुताबिक एयर पोर्ट के लिए ऐसे स्थान पर जमीन खोजनी है। जहां आवासीय इलाका न हो इसलिए अब गन्धौना क्षेत्र की जमीन का सर्वे किया जा रहा है लेकिन जिला प्राासन एवं उप जिलाधिकारी द्वारा क्षेत्र के बदौंआ, कुम्भ, मई, रानीपट्टी, जोगापुर, बरहेलिया, चकसेदपुर आदि आधा दर्जन गांवों का सर्वे कर राजस्व विभाग के अधिकारी ऐसे स्थान का चिन्हांकन कर रहे है जहां पर घनी बस्ती एवं आबादी है। यदि इस स्थान का चयन किया गया तो निश्चित रूप से लगभग ४० से ४५ हजार लोग बेघर हो जायेंगे । लोगों के समक्ष आवासीय संकट उत्पन्न हो जायेगा इस तरह सर्वे तो उस स्थान का भी हो रहा है जहां आबादी भी है और अधिकारी बयान दे रहे हैं कि आवासीय इलाका नहीं लिया जायेगा। हलांकि जिलाधिकारी का दावा है कि जमीन की ब्यवस्था हो चुकी है। जल्द ही शासन को रिपोर्ट भेज दी जायेगी और एयर पोर्ट जौनपुर की ही सरजमीं पर बन सकेगा। एयर पोर्ट बनते ही जिले के विकास की गति कई गुना तेज हो जायेगी। रोजी रोजगार के साधन बढ़ेंगे तो कल कारखानों में वृद्घि भी संभव है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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