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RBSK ने दी 25 से ज्यादा बच्चों को नई जिंदगी, अब रवि किशन की बारी
जिले में अंतरराष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत फतेहपुर मांडव ब्लॉक की आरबीएसके टीम ने आंगनवाड़ी..
मऊः जिले में अंतरराष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत फतेहपुर मांडव ब्लॉक की आरबीएसके टीम ने आंगनवाड़ी केंद्र नदावा गोपालपुर पर बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान धनंजय के पांच वर्षीय पुत्र रविकिशन को चिन्हित किया, जो जन्म से कटे तालू से ग्रसित है। आर्थिक तंगी के कारण परिजन बच्चे का इलाज नहीं करा पा रहे। आरबीएसके टीम के चिकित्सक डॉ नौशाद खान व टीम के सदस्यों ने इनके पिता को भरोसा दिलाया कि बच्चे का ऑपरेशन का खर्च सरकार वहन करेगी। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो जायेगा और ठीक से बोल भी पायेगा।
बता दें कि रवि किशन के पिता धनन्जय ने बताया कि जन्म के कई माह तक तो इस विकृति का उन्हें पता ही नहीं चला। जानकारी हुई तो इसमें आने वाला खर्च क्षमता से बाहर था। एक दिन गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए आरबीएसके टीम आई थी। जिन्होंने रवि किशन की जांच की। उसमे एक डाक्टर ने बताया कि इसके इलाज का पूरा खर्चा सरकार उठायेगी। इस सफल ऑपरेशन के बाद आज उसका पूरा परिवार खुशहाल है।
गौरतलब है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि जन्मजात कटे होठ के बच्चे का ऑपरेशन पांच माह पूर्ण करने के उपरांत एवं कटे तालू के बच्चे का ऑपरेशन बच्चे के नौ माह पूर्ण होने के उपरांत किया जाता है। इस सर्जरी के लिये बच्चे के हिमोग्लोबिन का स्तर कम से कम 10 ग्राम होना अनिवार्य है। साथ ही वजन उम्र के अनुपात में कम नहीं होना चाहिए। इसका पूरा खर्च सरकार उठाती है।
25 से ज्यादा बच्चों के कटे होठ एवं कटे तालू का निःशुल्क इलाजः
नोडल अधिकारी डॉ बीके यादव ने बताया कि कटे होठ एवं कटे तालू के इलाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित आरबीएसके कार्यक्रम स्माइल ट्रेन संस्था से निःशुल्क इलाज हेतु संबद्ध है। स्माइल ट्रेन संस्था की शाखा जीएस मेमोरियल अस्पताल - महमूरगंज, वाराणसी में बच्चे का निःशुल्क सफल इलाज हुआ।
डीईआईसी मैनेजर अरविंद वर्मा ने बताया कि अभी तक जनपद में आरबीएसके टीम द्वारा 25 से ज्यादा बच्चों के कटे होठ एवं कटे तालू का निःशुल्क इलाज संदर्भित कर कराया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि जिस किसी परिवार में ऐसे बच्चे हों तो उनके परिजन इस इलाज के लिए अपने गांव के आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से अथवा सीधे अपने संबंधित ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरबीएसके टीम से संपर्क कर व पंजीकरण कराकर निःशुल्क उपचार का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।