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सरकार का बड़ा फैसला, नवरात्रि में धार्मिक स्थलों पर होगा ऐसा, जान लें श्रद्धालु
देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। इसी बीच लखनऊ में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम योगी ने धार्मिक स्थलों को लेकर बड़ा फैसला किया है।
लखनऊ: देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक स्थलों को लेकर बड़ा फैसला किया है। जिसके चलते लखनऊ के धार्मिक स्थलों पर अब एक बार में पांच श्रद्धालुओं को ही प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी।
13 अप्रैल से शुरू चैत्र नवरात्रि
बता दें, कोरोना संक्रमण के बीच चैत्र नवरात्रि का पर्व 13 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। पिछले साल भी मार्च- अप्रैल में चैत्र नवरात्रि पर कोरोना का साया था। जिसके चलते सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर सख्ती बढ़ा दी थी। लॉकडाउन के चलते मंदिर पूरी तरह से बंद थे। लोगों ने घरों में पूजा की थी। इस वर्ष भी कुछ ऐसा ही दिख रहा है। हर रोज़ कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। शासन की ओर से 12 अप्रैल तक प्रदेश के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ व सांस्कृतिक आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं । हिन्दू धर्म के पावन पर्वों में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। यह पर्व पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
छोटे कारोबार पर दिखेगा असर
कोरोना महामारी के बीच टेंट पंडाल व्यवसाय अधिक प्रभावित हुआ है। सांस्कृतिक व मनोरंजन कार्यक्रम स्थगित होने से व्यापार पर भारी प्रभाव पड़ा है। मार्च अप्रैल महिना कमाई का सीजन होता है। जिसमें सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम शुरू होते हैं। कोरोना के कारण कार्यक्रम स्थगित होने से छोटा कारोबार नुक्सान झेल रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला चैत्र नवरात्रि पर देखने को मिल रहा है।
राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की रफ़्तार को कम करने के लिए तमाम कोशिश कर रही है। कई जिलों में नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है जिसमें लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज और बरेली शामिल है। गाजियाबाद और नोएडा में 17 अप्रैल तो वहीं मेरठ में 18 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। जबकि मेरठ में 18 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा।
इसी के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने चार जिलों में सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थान, ऑफिस में 50 फीसदी लोगों की ही उपस्थिति का आदेश दिया था। जिसके बाद से अब ऑफिस में केवल 50 फीसदी लोग ही काम करेंगे।