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शादी समारोह में शराब की अनुमति नीति को चुनौती, सुनवाई 11 जनवरी को
इलाहाबाद हाई कोर्ट में शादी समारोह में कुछ घंटे के लिए शराब, बीयर, हुक्का बार का लाइसेंस देने की आबकारी नीति को चुनौती दी गई है। कोर्ट इस याचिका पर 11 जनवरी को सुनवाई करेगी।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट में शादी समारोह में कुछ घंटे के लिए शराब, बीयर, हुक्का बार का लाइसेंस देने की आबकारी नीति को चुनौती दी गई है। कोर्ट इस याचिका पर 11 जनवरी को सुनवाई करेगी। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट से जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
इस मामले पर सुनवाई चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सीडी सिंह की खंडपीठ कर रही है। याचिका पैरंट गार्जियन एसोसिएशन कानपुर की ओर से दाखिल की गई। याची अधिवक्ता रमेश उपाध्याय का कहना है कि शादी समारोहों में महिलाएं बच्चों सहित आती है। उनके सामने नशा लेने की अनुमति देने से बच्चों के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
शराब पीने के लाइसेंस की आड़ में अफीम, चरस आदि ड्रग्स लिए जाते हैं । आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार नशे का व्यवसाय कर रही है। सरकार ने 7 बजे से 10:30 बजे तक शादी समारोह में शराब बीयर आदि पिलाने का आयोजक को लाइसेंस देती है। जो देर रात तक जारी रहता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया था। जिस पर अतिरिक्त समय की मांग की गई।
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