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नहीं मिल रहा आयुष्मान योजना का लाभ, अस्पतालों से मांगा गया स्पष्टीकरण

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Published on: 23 Nov 2018 7:18 AM GMT
नहीं मिल रहा आयुष्मान योजना का लाभ, अस्पतालों से मांगा गया स्पष्टीकरण
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नहीं मिल रहा आयुष्मान योजना का लाभ

अनिल तिवारी

चंदौली। आयुष्मान भारत योजना का प्रचार तो बहुत जोरशोर से किया जा रहा है मगर लोगों को इसका खास फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद प्राइवेट अस्पताल लोगों को लाभ देने से कतरा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में लोगों से बोला जा रहा है कि इसके लिए कोई पात्र नहीं। इसी का नतीजा है कि डेढ़ महीने में मात्र 22 मरीजों को योजना का लाभ मिला। इसमें भी एक अस्पताल के आंखों के 10 आपरेशन शामिल हैं। लोगों का कहना है कि आयुष्मान भारत से जब चिकित्सक ही मुंह फेर लेंगे तो आम लोगों को योजना का लाभ कैसे मिलेगा। प्राइवेट अस्पताल योजना का नाम सुनते ही मरीजों पर नाराज हो जा रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल ही नहीं, सरकारी अस्पतालों का रुख भी मदद करने वाला नहीं है। पांच लाख तक के मुफ्त इलाज वाली इस योजना को पीएम मोदी ने 23 सितंबर को लांच किया था। इसके लिए जिले में पांच सरकारी अस्पतालों चंदौली जिला अस्पताल, चकिया संयुक्त अस्पताल, नौगढ़, धानापुर और सकलडीहा सीएचसी को लिया गया है। वहीं सात निजी अस्पताल इसके लिए चुने गए हैं।

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नौगढ़ सीएचसी में योजना के तहत अब तक नौ, चकिया संयुक्त अस्पताल में तीन और निजी अस्पताल आरके नेत्रालय में 10 आंखों के आपरेशन हुए। इसके अलावा अन्य किसी अस्पताल ने आज तक एक भी केस नहीं किया। जबकि इन अस्पतालों की हालत ये है कि हर रोज एक-एक अस्पताल में औसतन ढाई सौ से तीन सौ मरीजों की ओपीडी होती है। जिला अस्पताल की ही ओपीडी आठ सौ के आसपास है।

31 नए अस्पतालों ने किया आवेदन

आयुष्मान भारत योजना से जुडऩे के लिए 31 निजी अस्पतालों ने आनलाइन आवेदन किया है। इन अस्पतालों की जांच जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम करेगी। जो अस्पताल योजना से जुड़े मानकों पर खरे उतरेंगे, उन्हें ही योजना में लिया जाएगा।

आयुष्मान भारत में रुचि न लेने वाले अस्पताल संचालकों से स्टेट एजेंसी ने स्पष्टीकरण मांगा है। अस्पतालों से पूछा गया है कि गरीबों को योजना का लाभ न देने पर क्यों न उन्हें योजना की सूची से बाहर कर दिया जाए। यही निर्देश सरकारी अस्पतालों को भी जारी हुआ है। सीएमओ डा.पी.के.मिश्र ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्हें निर्देश भी दिया गया है कि इसमें व्यक्तिगत रुचि लेकर गरीबों को इसका लाभ दिलाएं। अस्पतालों की वस्तुस्थिति से शासन को अवगत कराया जाएगा।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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