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Chandauli News: लाठी डंडे से पीट-पीटकर कर दी हत्या, आरोपी को 10 वर्ष की कठोर सजा
Chandauli News: जनपद के थाना चकिया में 16 वर्ष पूर्व मार पीट के दर्ज मुकदमे में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम द्वारा दो अभियुक्तिओ को 10-10 वर्ष की सजा व अर्थ दंड लगाया गया।
Chandauli News: चंदौली जनपद के थाना चकिया में 16 वर्ष पूर्व मार पीट के दर्ज मुकदमे में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम द्वारा दो अभियुक्तिओ को 10-10 वर्ष की सजा व अर्थ दंड लगाया गया। आपको बता दे कि चकिया थाना क्षेत्र के ग्राम सभा छुछाड़ के कीर्तन द्वारा अभियुक्तों रामनरेश, रामसूरत, मोहन, रामललित के विरुद्ध स्थानीय थाने पर इस आशय की जुबानी सूचना दी कि अभियुक्त गण उपरोक्त प्रार्थी के खेत पर लाठी डंडा लिए हुए आये और खेत में जबरदस्ती धान रोपने लगे। मना करने पर गाली देते हुए लाठी डंडे से मारने पीटने लगे। बचाव में हमारे घर के लोग जैसराम, शिवमूरत, सुरसती, तथा नारद को मारे पीटे हैं जिसमें नारद की हालत ठीक नहीं है। जो अस्पताल चकिया इलाज हेतु ले जाया गया है। सूचना दे रहा हूँ आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा करें।
जिसपर दिनांक 26-7-2008 को उपरोक्त के विरुद्ध धारा 323, 504 की एन सी आर सं. 134/08 दर्ज की गई। बाद में चोटिल नारद की मृत्यु हो जाने की वजह धारा 304 की बढ़ोतरी करते हुए 134/08 को तरमीम कर मु. अ. सं. 155/08 में कायम किया गया। साथ ही अन्य घायलों की चोटों की गम्भीरता को देखते हुए धारा 325 की बढ़ोतरी की गई। अभियोजन की तरफ से दस्तावेज साक्ष्यों के अलावा 8 गवाहों को परीक्षित कराया गया।
अभियोजन एवं बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विनय कुमार सिंह ने सिद्धदोष करते हुए मोहन एवं रामललित प्रत्येक को धारा 304/34 भा.द.सं. में 10-10 वर्ष के कठिन कारावास की सजा एवं 10-10 हजार रुपये का अर्थदण्ड, धारा 323/34 भा.द.सं. के अपराध में 1-1 वर्ष के कठोर कारावास एवं एक एक हजार का अर्थदण्ड से धारा 325/34 भा. द. सं. के अपराध में तीन-तीन वर्ष की कठिन कारावास की सजा एवं तीन तीन हजार रुपये का अर्थदण्ड से एवं धारा 504 भा.द.सं. के अपराध में एक एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा एवं एक एक हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
अर्थदण्ड अदा न कर सकने में अभियुक्त गणों को क्रमशः दस माह, एक माह, तीन माह एवं एक माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस दौरान विचरण दो अभियुक्तों रामनरेश एवं रामसूरत की मृत्यु हो चुकी थी। सिद्धदोष के विरुद्ध सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी। साथ ही पूर्व में कारावास में बितायी गयी अवधि भी इस सजा में समायोजित किये जाने का आदेश पारित किया गया है। अभियोजन की तरफ से अपर शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक संजय कुमार त्रिपाठी ने पक्ष रखा।