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Chandauli News: रेलवे पेपर लिक मामले में जानिए सीबीआई ने किसके यहां से कितना माल किया बरामद

Chandauli News: पंडित दिन दयाल उपाध्याय नगर जंक्शन स्थित पूर्व मध्य रेलवे मंडलीय कार्याल द्वारा आयोजित लोको पायलटों की विभागीय पदोन्नति परीक्षा में सीबीआई द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के खुलासे में मिली जानकारी चौंकाने वाली है।

Ashvini Mishra
Published on: 5 March 2025 10:01 PM IST
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Chandauli News: चंदौली जनपद के पंडित दिन दयाल उपाध्याय नगर जंक्शन स्थित पूर्व मध्य रेलवे मंडलीय कार्याल द्वारा आयोजित लोको पायलटों की विभागीय पदोन्नति परीक्षा में सीबीआई द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के खुलासे में मिली जानकारी चौंकाने वाली है। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक प्रश्नपत्र के एवज में 5 से 10 लाख रुपये की वसूली की गई थी।

विदित हो कि स्थानीय रेलवे इंटर कॉलेज में मंगलवार को मुख्य लोको निरीक्षक हेतु 17 पदों के लिए विभागीय प रीक्षा आयोजित थी। जिसमें शामिल होने वाले 19 लोको पायलटों को कालीमहाल स्थित राज गार्डेन, सिद्धार्थपुर कॉलोनी स्थित रेलकर्मियों के घर पर 3 मार्च की रात्रि में ठहराकर उनसे प्रश्नों के उत्तर लिखवाये जाने थे। विभागीय सूत्रों की माने तो प्रश्नपत्र के एवज में 5 से 10 लाख रुपये तक की वसूली हुई थी। लेकिन दुर्भाग्य यह हुआ कि रेल एक लोको पायलट ने इसकी शिकायत सीबीआई से की थी।

सीबीआई पीडीडीयू नगर आ धमकी और लगभग 5 दिनों तक संदिग्ध रेलकर्मियों सहित अधिकारियों के आवासों की रेकी करती रही। साक्ष्य एकत्र करने के बाद सोमवार की रात्रि एक साथ आठ जगहों पर छापा मारा और 1.17 करोड़ नगद रुपये बरामद कर लिये। जिसमें सीनियर डीईई सुशांत पराशर के आवास से साढ़े तीन लाख रुपये, सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह के आवास से 17 लाख रुपये, वेलफेयर इंस्पेक्टर संजय मिश्रा के आवास से 40 लाख रुपये, नीरज वर्मा के आवास से 20 लाख रुपये और बाकी धनराशि अजीत सिंह व अन्य लोगों के यहां से बरामद हुई। सीबीआई बरामद रुपये को सीज कर अपने साथ ले गाई।

सीबीआई की जांच के दौरान हुई जानकारी के मुताबिक सीनियर डीईई (ऑपरेशन) को उक्त परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उसने अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न लिखे थे और कथित तौर पर इसे एक लोको पायलट को दिया था। जिसे इसे हिंदी में अनुवाद किया और आगे एक ओएस (ट्रेनिंग) को दिया। ओएस (ट्रेनिंग) ने कथित तौर पर इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से अभ्यर्थियों को दिया था।

Ramkrishna Vajpei

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