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Chandauli News : जानिये आखिर क्यों चुनाव हार गए बीजेपी नेता डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय

Chandauli News : चंदौली संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे की हार के बाद समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। यहां नुक्कड़ों पर उनकी हार को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं। चर्चा ये भी है कि डॉ. महेंद्र नाथ पांडे हार का एक बड़ा कारण प्रधानमंत्री मोदी की जीत का मामूली अंतर होना।

Ashvini Mishra
Published on: 6 Jun 2024 3:55 PM GMT
Chandauli News : जानिये आखिर क्यों चुनाव हार गए बीजेपी नेता डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय
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Chandauli News : चंदौली संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे की हार के बाद समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। यहां नुक्कड़ों पर उनकी हार को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं। चर्चा ये भी है कि डॉ. महेंद्र नाथ पांडे हार का एक बड़ा कारण प्रधानमंत्री मोदी की जीत का मामूली अंतर होना। बता दें कि पीएम मोदी 2014 और 2019 में वाराणसी से भारी अंतर के साथ जीत हासिल की थी, जिसका असर चंदौली संसदीय क्षेत्र पर भी दिखा था।

वाराणसी जनपद की दो विधानसभाएं अजगरा व शिवपुर प्रधानमंत्री की वजह से जीत का भारी अंतर लेकर चंदौली की तीन विधानसभाओं की हार को जीत में बदल देता था। इस बार उल्टा हो गया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीत का अंतर मात्र डेढ़ लाख के आस-पास ही रहा। वहीं, वाराणसी जनपद की दो विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे को जहां अजगरा विधानसभा भारी जीत का अंतर लेकर चलती थी, वहां सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह से 221 वोट से हार मिली, जबकि शिवपुर विधानसभा में जीत का अंतर ज्यादा होता था, लेकिन यहां मात्र 15000 से जीत हो पाई। वहीं, चंदौली के तीनों विधानसभाओं में डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे की हार हुई है। सकलडीहा विधानसभा में 21 हजार, सैयदराजा में 1300 और मुगलसराय में करीब 13000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

हार के कई कारण

यहां उनकी हार के कई कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन उसमें प्रमुख कारण बनारस में पीएम मोदी की जीत का अंतर कम होना है। इसका असर चंदौली के विकास पुरुष के नाम से जाने जाने वाले भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे पर भी पड़ा है। बनारस की जनता आखिर क्यों प्रधानमंत्री से नाराज हो गई। इसके भी कई कारण हैं, लेकिन प्रमुख कारण यह माना जा रहा है कि जहां विधायक सांसद 5 वर्ष के लिए चुने जाते हैं और उनको अलग-अलग पेंशन चाहिए, लेकिन जो 60 वर्ष की नौकरी करता है, उसकी पेंशन समाप्त कर दी गई है। इस तरह के कई फैसलों से भी जनता नाराज दिख रही है। यही नहीं, इसमें प्रमुख कारण अग्नि वीर योजना, बेरोजगारी आदि भी है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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