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Chandauli: आए चीफ और बढ़ गया फीस, सुविधाओं के अभाव में लगातार घट रहे पर्यटक
Chandauli News: आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने प्राकृतिक जलप्रपात राजदरी - देवदरी पर सरकार व वन विभाग से मांग किया हैं कि प्रवेश शुल्क व वाहन शुल्क को कम किया जाए।
Chandauli News: जिले के पर्यटन स्थल चंद्रप्रभा बांध पर स्थित राजदरी- देवदरी जलप्रपात में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए तमाम तरह के दावे किए जा रहे थे लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा लिए गए कुछ फैसलों से पर्यटक बढ़ने के बजाय घटने लगे हैं। कुछ दिन पहले तक सरकार कहती थी कि चन्द्र प्रभा नदी पर बना प्राकृतिक जलप्रपात को पर्यटन का हब बनाएंगे जो सैलानियों को आकर्षित करेंगा इसलिए प्राकृतिक वादियों में बसा चंदौली जनपद का चर्चित जलप्रपात के आस-पास सुविधाएं व आकर्षक बनाने के लिए विशेष प्रस्ताव बनाकर वन विभाग ने भेजा था।
कहीं पर्यटन हब बनाने का सपना हो न जाए फेल
बताते हैं कि वन विभाग ने पांच आर्किटेक्ट की मदद से दो करोड़ का प्रस्ताव तैयार कराया है जिसमें पुराने आवास का मरम्मत, जलप्रपात के पास स्थित कैंटिंन का आधुनिकीकरण, एडवेंचर गेम और पानी की सप्लाई की व्यवस्था है। वहीं दूसरा प्रस्ताव 4.5 करोड़ का है जिसमें स्काई ग्लास पुल, जीप लाइनिंग, ईको हाट, ईको प्लाटा, सड़क चौड़ीकरण, इलेक्ट्रिक झूले, ईको शॉप, फव्वारे और योगा स्थल का प्रस्ताव शामिल है। राजदरी में विभिन्न सुविधाओं के लिए दो करोड़ और 4.5 करोड़ के दो प्रस्ताव बनाए गए हैं। लेकिन बहुत पहले वन विभाग के एक चीफ़ साहब का राजदरी आगमन हुआ और कहा जाने लगा कि आए चीफ और बढ़ गए फीस .. और वहीं से सैलानियों पर लगातार प्रवेश शुल्क व वाहन शुल्क में बढ़ोतरी होती चली आ रहीं हैं।
कुल मिलाकर यह स्थिति हो गयी हैं कि आज किसान मजदूर, स्थानीय निवासी कों अपने गांव, तहसील, ब्लाक के नजदीक प्राकृतिक जलप्रपात अपने परिवार के साथ देखने की सपना बन गया हैं। लगातार बढ़ती शुल्क का परिणाम है कि चंद्रप्रभा वन्य अभयारण्य में प्रवेश शुल्क प्रतिव्यक्ति 50 रुपये लिया जाता है। मार्च 2022 से मार्च 2023 तक चंदौली के चकिया स्थित राजदरी- देवदरी जलप्रपात और चंद्रप्रभा वन अभयारण्य देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग 13 लाख रही। जिनसे कुल 65 लाख 35 हजार 150 रुपये के करीब वसूली हुई। इसके आधार पर वर्ष 2022 के नवंबर तक कुल 98 हजार 27 पर्यटक आए और उनसे 49 लाख एक सौ 350 रुपये वसूली हुई। लेकिन वर्ष 2023 में नवंबर तक जिले में कुल 60 हजार ही पर्यटक आ पाए जिनमे 30 लाख रुपये की वसूली हुई।
ऐसे में पिछले साल के सापेक्ष इस साल नवंबर तक 38 हजार 27 पर्यटक कम आए और शुल्क में 19 लाख एक हजार 350 रुपये के करीब कम हुए और अब राजदरी देवदारी पर्यटन केंद्र पर नये साल पर पिछले वर्ष की तुलना में कम सैलानी पहुंचे। वर्ष 2023 की शुरूआत में एक जनवरी को राजदरी देवदारी पर्यटन केंद्र पर 2 लाख 25 हजार 750 रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई थी। वहीं इस वर्ष 2024 के पहले दिन मात्र 69 हजार 150 रुपए ही राजस्व प्राप्ति हुई है। इसका कारण यह है प्रति व्यक्ति ₹50 और छोटी वाहन ₹100 जो एक परिवार को देने में बहुत भारी रकम है। इसलिए आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने प्राकृतिक जलप्रपात राजदरी - देवदरी पर सरकार व वन विभाग से मांग किया हैं कि प्रवेश शुल्क व वाहन शुल्क को कम किया जाए जिससे बाहरी सैलानियों की संख्या बढ़े व स्थानीय निवासी भी कम दर पर इस प्राकृतिक जलप्रपात देखने का आनंद ले सकें।