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Chandauli News: नाम बड़े और दर्शन छोटे,की कहावत हुई चरितार्थ ,ब्रांडेड मिठाई वाले बालाजी की दुकान पर हुआ यह कारनामा

Chandauli News: आपको बता दें कि जिला मुख्यालय स्थित बालाजी मिष्ठान एवं रेस्टोरेंट में चार उपभोक्ता मोहन भोग खा रहे थे। जैसे ही मोहन भोग की मिष्ठान के दो चम्मच मुंह गया ही था कि जीवित कीड़ा मोहन भोग से निकल गया और मोहन भोग की मिठाई खा रहा उपभोक्ता दंग हो गया।

Ashvini Mishra
Published on: 26 Dec 2024 8:30 PM IST
Chandauli News ( Pic- Newstrack)
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Chandauli News ( Pic- Newstrack)

Chandauli News: चंदौली जिला मुख्यालय स्थित बालाजी मिष्ठान की दुकान ब्रांडेड और अच्छी मिठाइयों के लिए जानी जाती है। नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत यहां चरितार्थ हुई है। यदि आप कुछ बालाजी दुकान पर कुछ खाने जा रहे हैं तो सबसे पहले वहां के मिठाइयों को चेक करके खाएं नहीं तो आप के भी मुंह में वैसी ही मिठाई मिलेगी,जिसे उपभोक्ता खाते समय देख कर दंग रह गया,उपभोक्ता द्वारा बालाजी मिठाई की सच्चाई सोशल मीडिया पर डाल कर,मामले को उजागर किया है।

आपको बता दें कि जिला मुख्यालय स्थित बालाजी मिष्ठान एवं रेस्टोरेंट में चार उपभोक्ता मोहन भोग खा रहे थे। जैसे ही मोहन भोग की मिष्ठान के दो चम्मच मुंह गया ही था कि जीवित कीड़ा मोहन भोग से निकल गया और मोहन भोग की मिठाई खा रहा उपभोक्ता दंग हो गया। जब उपभोक्ता मोहन भोग की सच्चाई रेस्टोरेंट संचालक के बताया और दिखाया तो रेस्टोरेंट संचालक द्वारा किस तरह की दलील दी जा रही है। यह भी देखे।

जब रेस्टोरेंट संचालक ने अपने मिठाई मोहन भोग की तारीफ सुनने से इनकार कर दिया तो उपभोक्ता ने तुरंत इस मिठाई के वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर इसकी सच्चाई सबके सामने लाने कम किया ।जबकि मामले पर पर्दा डालने के लिए इस संबंध में रेस्टोरेंट संचालक बाला ने कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है।इस संबंध में जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच कर विधि कार्यवाही की जाएगी।अब देखना है कि इस मामले को खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा किस तरह डील किया जाता है या इस रेस्टोरेंट संचालक के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाती है।या पहले की तरह मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा छोटे दुकानदारों पर तो छापेमारी का कार्य किया जाता है लेकिन बड़े दुकानदारों के यहां जाने से घबराते हैं क्योंकि कहीं ना कहीं इस विभाग के लोगों का ऐसे दुकानदारों से साठ गांठ रहती है।



Shalini Rai

Shalini Rai

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