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Chandauli News: दैनिक वेतन भोगी वन कर्मियों की हो सकती है बल्ले-बल्ले, पढ़े पूरी खबर

Chandauli News: मनरेगा, जायका योजना और अन्य विभागीय परियोजनाओं में श्रमिकों द्वारा किए गए योगदान का सटीक मूल्यांकन किया जाएगा।

Ashvini Mishra
Published on: 23 Dec 2024 11:36 AM IST
Chandauli News: दैनिक वेतन भोगी वन कर्मियों की हो सकती है बल्ले-बल्ले, पढ़े पूरी खबर
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दैनिक वेतन भोगी वन कर्मियों की हो सकती है बल्ले बल्ले   (फोटो: सोशल मीडिया )

Chandauli News: चंदौली जिले के नौगढ के वन क्षेत्रों में काशी वन्यजीव प्रभाग, रामनगर में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए नए साल की शुरुआत एक सुखद खबर लेकर आ सकती है। प्रभागीय वनाधिकारी दिलीप श्रीवास्तव द्वारा कर्मचारियों के कार्य विवरण और प्रमाण पत्र मांगे जाने के बाद यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि विभाग इन श्रमिकों को न्यूनतम वेतन प्रदान करने की योजना बना रहा है।

वन विभाग ने श्रमिकों की पात्रता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति श्रमिकों के कार्य विवरण, प्रमाण पत्र और साक्ष्यों का गहराई से अध्ययन करेगी। मनरेगा, जायका योजना और अन्य विभागीय परियोजनाओं में श्रमिकों द्वारा किए गए योगदान का सटीक मूल्यांकन किया जाएगा। इसी के आधार पर यह तय होगा कि कौन-कौन से कर्मचारी न्यूनतम वेतन के हकदार हैं।

श्रमिकों का विस्तृत विवरण

प्रभागीय वनाधिकारी रामनगर दिलीप श्रीवास्तव ने सभी रेंज अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे श्रमिकों का विस्तृत विवरण तुरंत उपलब्ध कराएं। इसमें उनकी कार्य अवधि, परियोजनाओं में योगदान और कार्य से जुड़े प्रमाण शामिल होंगे। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि योग्य कर्मचारियों को नए साल में विभागीय लाभ का तोहफा मिल सके।

दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को न्यूनतम वेतन मिलने से उनके जीवन में स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा आएगी। इसके अलावा, विभाग को भी नियमित कर्मचारियों से अधिक कार्यक्षमता और प्रतिबद्धता मिलने की उम्मीद है। इस पहल से कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष विश्वनाथ यादव ने कहा, "हम वर्षों से अपनी मेहनत से विभाग का साथ दे रहे हैं। यदि हमें विनियमितीकरण का यह तोहफा मिलता है, तो यह हमारी मेहनत का असली सम्मान होगा।"

योगदान को सम्मानित करने का भी प्रयास

वन क्षेत्राधिकारी मकसूद हुसैन ने बताया यह पहल न केवल कर्मचारियों के अधिकारों को मान्यता देने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि उनके योगदान को सम्मानित करने का भी प्रयास है। यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो नए साल में यह वन विभाग के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

नए साल के आगमन के साथ, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और खुशहाली की उम्मीद जाग चुकी है। अब सबकी निगाहें समिति के अंतिम निर्णय पर टिकी हैं, जो न केवल उनके भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि विभाग को भी नए आयाम प्रदान करेगा।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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