Chandauli News: खड़े हो जाएंगे आपके रोंगटे: ऐसी खूनी परंपरा, रोकने के लिए इस गांव में पुलिस रहती है तैनात

Chandauli News: नाग पंचमी के अवसर पर सुबह दोनों गांव की महिलाएं व पुरुष अपने अपने गांव के मंदिरों पर इकट्ठा होते हैं। घंटों पूजा पाठ के बाद कजरी गीत महिलाओं द्वारा गाया जाता है। जो देर दोपहर तक चलता है।

Ashvini Mishra
Published on: 9 Aug 2024 4:04 PM GMT
On the occasion of Nag Panchami On this occasion, tradition is held between Bishupur and Mahuari Khas village, police is deployed
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नागपंचमी के अवसर पर बिशुपुर और महुआरीखास गांव के बीच परम्परा, पुलिस रहती है तैनात: Photo- Newstrack

Chandauli News: उत्तर प्रदेश के जनपद चंदौली के बलुआ थाना क्षेत्र के बिशुपुर और महुआरीखास गांव के बीच में नागपंचमी के अवसर पर एक ऐसी खूनी परम्परा होती है जिसको सुनते ही आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे । इस परम्परा का निर्वहन करने के लिए बकायदे दोनों गांव बिशुपुर और महुआरीखास में तैयारी सुबह से ही शुरू हो जाती है। इस परंपरा को देखने के लिए आसपास के ग्रामीणों का हुजूम जुटता है। परम्परा को रोकने के लिए पुलिस फोर्स भी मौजूद रहती है ।

क्या है यह परम्परा

बता दें कि जनपद के बलुआ थाना क्षेत्र के बिशुपुर व महुआरीखास गांव के बीच नाग पंचमी के अवसर पर एक ऐसी परम्परा निभाई जाती है जिसे सुनने के बाद लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते है। यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है। शुक्रवार को नाग पंचमी के अवसर पर सुबह दोनों गांव की महिलाएं व पुरुष अपने अपने गांव के मंदिरों पर इकट्ठा होते हैं। घंटों पूजा पाठ के बाद कजरी गीत महिलाओं द्वारा गाया जाता है। जो देर दोपहर तक चलता है।

शाम को दोनों गांव की महिलाएं व पुरुष दोनों गांवो के बीच नाले पर इकट्ठा होते हैं और दोनो गांव की महिलाओं की तरफ से फूहड़ गाली गलौज (जो परम्परा का हिस्सा है ) शुरू गीत गाकर होता है। गाली ऐसी की देखने सुनने वाले भी शर्म से सर झुका लेते हैं। यह गाली दोनों तरफ से पुरुषों को उकसाने के लिए होती है। फिर शुरू होता है ईंट पत्थर फेंकने का दौर, यह तब तक चलता है जब तक दोनों तरफ से किसी के सर से खून न निकल जाये ।

बता दें कि पहले काफी लोग चोटिल हो जाते थे जिसमें सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मी भी घायल हो जाते थे। किन्तु इस बार फोर्स होने के कारण ईंट-पत्थर नही नहीं चल पाया। कुछ ढेला बाजी की गई लेकिन दोनों तरफ पुलिस फोर्स होने के कारण ढेला बाजी करने वाले भाग गये । महिलाओं द्वारा फुहड़ गीतों व कजरी गीत का आयोजन हुआ ।


तैनात रही पुलिस फ़ोर्स

एक तरफ बिशुपुर गांव के लोगों को संभालने के लिए कैलावर चौकी इंचार्ज अनिल यादव व महुआरीखास गांव में मोहरगंज चौकी इंचार्ज सूर्य प्रताप सिंह थाने की फोर्स व पीएससी, महिला पुलिस के साथ उपस्थित रहे ।

गांव की खुशहाली के लिए परंपरा निभाना अनिवार्य

माना जाता है कि 'अगर इस परंपरा को नहीं किया जाएगा तो दोनों गांव में बड़ा अपशगुन होने का खतरा रहता है, इसलिए गांव में खुशहाली के लिए यह परंपरा कई पुस्तों पुरुखों से के चली आ रही है।

Shashi kant gautam

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