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Chandauli News: जिला अस्पताल में 14 घंटे तक कराहता रहा मरीज, सपा नेता ने कसा तंज
Chandauli News: सपा नेता ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण चंदौली की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो चुकी है। चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवाओं का मजाक बनाकर रख दिया है।
Chandauli News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू ने जिले की स्वास्थ्य पर फिर से सवाल खड़े किए हैं और सरकार पर तंज कसा। उनका आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण चंदौली की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो चुकी है। चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवाओं का मजाक बनाकर रख दिया है, जिससे सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को समय से ईलाज नहीं मिल पा रहा है। यह अत्यंत दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को अपने दायित्वों के प्रति सजग नहीं है। प्रदेश सरकार की उदासीनता से स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है। जिसका परिणाम है कि जंगली सूअर से घायल गरीब 14 घंटे से कराह रहा है और उसको पूछने वाला कोई नहीं है।
दरअसल बीते मंगलवार को जंगली सूअर ने धानापुर थाना क्षेत्र के नरौली गांव के निवासी रमायन यादव नामक युवक पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद ग्रामीण घायल को लेकर जिला अस्पताल आए, लेकिन यहां चिकित्सकों ने घायल के ईलाज में रूचि नहीं ली। ऐसे में काफी विलंब होता देख घायल की पीड़ा को देखते हुए परिजनों ने घटना से सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू से अवगत कराया। मामला संज्ञान में आने के बाद मनोज सिंह डब्लू ने तत्काल टेलीफोन के जरिए जिला अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही से अवगत कराते हुए तत्काल चिकित्सक को फोन कर घायल को बेहतर दवा-ईलाज कराने की बात कही।
बावजूद इसके करीब 14 घंटे बीत जाने के बाद बुधवार को भी घायल युवक का दवा-ईलाज नहीं हुआ तो एक बार फिर परिजनों ने सपा नेता से गुहार लगाई। इसके बाद मनोज सिंह डब्लू सीधे जिला अस्पताल पहुंचे और पिछले 14 घंटे से स्ट्रेचर पर पड़े घायल युवक को देख कर चिंतित और आक्रोशित हो उठे। इसके बाद उन्होंने सीएमएस को फोन करके उनकी लापरवाही के लिए नाराजगी व्यक्त की और तत्काल घायल के ईलाज के लिए चिकित्सक को भेजने की बात कही।
इसके बाद उन्होंने अपनी निगरानी में घायल का जख्मों की ड्रेसिंग व दवा-ईलाज कराया। मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि जिले का स्वास्थ्य महकमा खुद ही बीमार चल रहा है। ऐसे में गरीब व जरूरतमंद मरीजों का सरकारी अस्पताल में उपचार होना धीरे-धीरे असंभव होता नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व चिकित्सक अपने दायित्वों के प्रति गंभीरता दिखाएं।