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Chandauli News: हाईवे पर गंभीर रूप से घायल मरीज के लिए कैसे देव दूत बना निजी हॉस्पिटल, यहां जानें
Chandauli News: सूचना पाकर परिजन भी मौके पर पहुंचे और इस मानवीय प्रयास के लिए डॉक्टर की सराहना की। इस संबंध में सूर्या अस्पताल के डॉ. गौतम त्रिपाठी ने बताया कि हमारी कोशिश रहती है कि किसी भी व्यक्ति की जान न जाए, क्योंकि वह परिवार समाज के लिए अनमोल धरोहर होता है
Chandauli News: हाईवे पर गंभीर रूप से घायल मरीज के लिए जानिए कैसे एक प्राइवेट अस्पताल बना भगवान का दूत, चंदौली जिले के जिला मुख्यालय पर स्थित सूर्या हॉस्पिटल की मानवता की खूब तारीफ हो रही है। बीती रात नेशनल हाईवे 19 पर जिला मुख्यालय के बिछिया गांव के पास एक बाइक सवार को कंटेनर ने टक्कर मार दी और वह घायल होकर सड़क पर गिरकर दर्द से तड़पने लगा। यह देख आसपास के लोगों ने तत्काल 108 एंबुलेंस को फोन किया लेकिन वह नहीं पहुंच सकी, तब तक सूचना मिलने पर सूर्या हॉस्पिटल की एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायल को तत्काल आपातकालीन चिकित्सा उपलब्ध कराई, जिससे उसकी जान बच गई, परिजनों समेत आसपास के लोगों ने डॉक्टर को धन्यवाद दिया और उनके इस मानवीय प्रयास की सराहना की।
आपको बता दें कि सैयदराजा थाने के मुड़ा गांव निवासी सौरभ तिवारी जो मुगलसराय से अपने घर जा रहे थे सौरभ तिवारी को टक्कर मारते हुए वाहन उनके हेलमेट से होकर गुजरा और इतनी तेज आवाज हुई कि आसपास के लोग किसी अनहोनी की आशंका से दौड़ पड़े। बाइक चकनाचूर हो गई और सौरभ तिवारी सड़क पर लहूलुहान हालत में पड़े थे। आसपास के लोगों ने उन्हें तुरंत अचेत अवस्था में उठाकर किनारे ले गए और पुलिस व 108 एंबुलेंस को सूचना दी। सरकारी एंबुलेंस आने में देर हो रही थी, इसी दौरान किसी ने सूर्या अस्पताल को भी इसकी सूचना दे दी। सूर्या अस्पताल के कर्मचारी तुरंत अपनी एंबुलेंस लेकर गए और मानवता दिखाते हुए उन्हें वाहन में लादकर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार दिया गया, जिसका नतीजा यह रहा कि जिंदगी और मौत के बीच फंसे गंभीर रूप से घायल सौरभ तिवारी की जान बच गई।
सूचना पाकर परिजन भी मौके पर पहुंचे और इस मानवीय प्रयास के लिए डॉक्टर की सराहना की। इस संबंध में सूर्या अस्पताल के डॉ. गौतम त्रिपाठी ने बताया कि हमारी कोशिश रहती है कि किसी भी व्यक्ति की जान न जाए, क्योंकि वह परिवार समाज के लिए अनमोल धरोहर होता है। मरीजों का तुरंत इलाज पैसा कमाने की दृष्टि से नहीं बल्कि जान बचाने की दृष्टि से होता है। हमारे कर्मचारियों को निर्देश हैं कि जहां भी हमें सूचना मिले, मरीज को तुरंत उस स्थान पर ले जाएं जहां उसके परिजन कहें, अगर वहां कोई नहीं है तो उसे हमारे पास ले आएं। अगर हमारे प्रयासों से उसकी जान बच जाती है तो ठीक है, अन्यथा उसे उचित उपचार के लिए आगे ले जाना हमारी जिम्मेदारी है।
इसी भावना के साथ कल रात भी सौरभ तिवारी का नेशनल हाईवे पर एक्सीडेंट हुआ था, उन्हें हमारे चिकित्सा कर्मियों द्वारा तुरंत अस्पताल लाया गया, जहां सिर में चोट लगने के कारण खून बह रहा था, कई जगह फ्रैक्चर हैं। अब मरीज की हालत बेहतर है और परिजन भी पहुंच गए हैं। इस दुर्घटना के बाद उचित उपचार मिलने से सभी लोग आभारी हैं।