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वसीम रिजवी की देवबंद का नाम बदलने की मांग से उलेमा खफा
सहारनपुर। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने देवबंदी विचारधारा के केंद्र देवबंद को निशाना बनाते हुए देवबंद का नाम बदल देने की मांग सरकार से की है। रिजवी के ब्यान को उलेमा ने केवल सुर्खियां बटौरने वाला बताते हुए कहा कि रिजवी दूसरों के हाथ की कठपुतली बने हुए हैं।
देवबंद विधान सभा चुनाव के फोरन बाद क्षेत्रीय विधायक कुंवर बृजेश सिंह द्वारा देवबंद का नाम बदलने की मांग सरकार के समक्ष रखी गई थी। अब एक बार फिर इसी मांग को शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने हवा दी है। इतना ही नहीं रिजवी ने देवबंद पर हमला करते हुए इसे दहशतगर्द एवं आंतक का चेहरा भी बताया है। रिजवी के ब्यान पर प्रतिक्रिया देते हुए दारुल उलूम वक्फ के शेखुल हदीस मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि रिजवी सिर्फ मीडिया की सुर्खीयां बटौरने के लिए इस तरह के ब्यान देते हैं। जबकि उनकी बात को कोई अहमियत नहीं देता है। कहा कि रिजवी पिछले कई सालों से शिया बोर्ड के चेयरमैन है और अभी तक एक भी ऐसा काम नहीं कर सके जिससे शिया वक्फ बोर्ड में ही उन्हें याद रखा जा सके। कहा कि रिजवी की शिगुफेबाजी का शौक है और वह कर रहे हैं। इसलिए उनके बारे में कुछ कहना वक्त को जाया करना है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मौलाना हसीब सिद्दीकी ने कहा कि वसीम रिजवी का इस्तेमाल देश और प्रदेश की जवंलत समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए बखूबी किया जा रहा है। वह सिर्फ एक मोहरा है। उन्होंने कहा कि संघ की भाषा बोलने वाले रिजवी अपनी कुर्सी को बचाने के लिए तरह तरह के ब्यान देते रहते हैं। मौलाना हसीब ने कहा कि देश में देवबंद अपने भाईचारे और विश्व में इस्लामिक तालीम के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि रिजवी साबित करें कि देवबंद कहां बदनाम है और यहां कब और कौन सी आतंकी घटना हुई।
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