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अब अलग-अलग बनेगा बाइक और कार का डीएल, जानिए क्या हैं अन्य बदलाव

Newstrack
Published on: 15 April 2016 12:23 PM GMT
अब अलग-अलग बनेगा बाइक और कार का डीएल, जानिए क्या हैं अन्य बदलाव
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लखनऊ: प्रदेश में अब से बाइक और कार के अलग-अलग ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनेंगे। इसके लिए अलग-अलग टेस्ट भी देने होंगे और फीस में भी अंतर होगा।

जानकारी देते हुए परिवहन आयुक्त के. रवींद्र नायक ने बताया कि अब तक कोई भी दोपहिए वाहन का लाइसेंस बनवाने आता था तो उसी फॉर्म में एक अन्य कॉलम पर टिक लगाकर और फीस देने के बाद उसे फोर व्हीलर का भी डीएल दे दिया जाता था। परिवहन विभाग का मानना है कि इस वजह से भी सड़क हादसों में वृद्धि होती है।

एक माह चलेगा ट्रायल

रवींद्र नायक ने बताया कि संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) इसे एक माह तक ट्रायल पर रखेगा। हालांकि डीएल बनने की प्रक्रिया 16 अप्रैल से शुरू होगी। बताते चलें कि इस नई व्यवस्था से लोगों को आरटीओ के बार-बार चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।

16 अप्रैल से शुरू होगी प्रक्रिया

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के. रवींद्र नायक ने सभी आरटीओ को इस संबंध में निर्देश दिया है कि 16 अप्रैल से 15 मई तक ट्रायल के रूप में दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए अलग डीएल बनाए जाएं।

नई व्यवस्था के तहत वाहन मालिकों को बाइक और कार के डीएल के लिए प्रोसेसिंग फीस 50-50 रुपए और डीएल शुल्क के तौर पर 200-200 रुपए चुकाने होंगे। अब तक लोग बाइक एवं कार का एक साथ डीएल बनवाते थे।

डीएल बनवाने के लिए ये है जरूरी

-आवेदक को डीएल बनवाने के लिए उम्र एवं पते का प्रमाण पत्र ले जाना जरूरी होगा।

-इसके लिए सबसे बेहतर मतदाता पहचान पत्र है।

-आवेदक को बायोमीट्रिक टेस्ट देना होगा। इसके तहत आरटीओ जाकर फोटो खिंचवानी पड़ेगी और अंगूठे का निशान देना होगा।

-लर्निंग डीएल बनवाने के लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

कानून का उल्लंघन है यह आदेश

हालांकि सूत्रों की मानें तो दुपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की ट्रायल व्यवस्था मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है। अधिकारियों के मुताबिक अधिनियम में अलग-अलग डीएल बनवाने का कोई प्रावधान नहीं है।

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