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UP News: चौधरी चरण सिंह को 'भारत रत्न' का एलान, वेस्ट यूपी में खुशी की लहर
UP News: बागपत जिले की छपरौली विधानसभा सीट पहले मेरठ में ही थी। क्योंकि उस समय तक मेरठ से अलग होकर बागपत अलग जिला नहीं बना था। छपरौली से चौ. चरण सिंह लगातार 40 साल तक विधायक रहे।
UP News: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा के बाद मेरठ समेत वेस्ट यूपी में खुशी का माहौल है। किसानों की खुशी छुपाए नहीं छुप रहीं हैं। हर कोई इसके लिए मोदीजी का आभार व्यक्त करता दिखा। बता दें कि बागपत जिले की छपरौली विधानसभा सीट पहले मेरठ में ही थी। क्योंकि उस समय तक मेरठ से अलग होकर बागपत अलग जिला नहीं बना था। छपरौली से चौ. चरण सिंह लगातार 40 साल तक विधायक रहे। यहीं से वे मुख्यमंत्री बने और फिर बागपत लोकसभा सीट से जीतकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। वर्तमान में छपरौली सीट से राष्ट्रीय लोकदल के डा. अजय कुमार विधायक हैं।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव राज कुमार सांगवान ने मोदी सरकार के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि चौ. साहब यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, उपप्रधानमंत्री और देश के प्रधानमंत्री तक रह चुके हैं। आरएलडी नेता ने कहा कि चौ. साहब भारत के इकलौते राजनेता हैं, जिन्हें किसान मसीहा कहलाने का गौरव प्राप्त है। उन्हें यह गौरव प्रेम करने वाली इस देश की सम्मानित जनता ने दिया है। उन्होंने किसानों के हितों को देखते हुए साल 1954 में उत्तर प्रदेश में भूमि संरक्षण कानून पारित कराया। उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के उत्थान में लगा दिया। सागंवान के अनुसार चौधरी चरण सिंह अपने अक्खेड़ रवैये और सिद्धांतों से समझौता न करने के लिए मशहूर थे। जब देश और विदेश में पंडित जवाहरलाल नेहरू छाए थे उस समय उन्होंमने कांग्रेस में रहते हुए उनकी योजनाओं और संकल्पथनाओं को गलत कहने का साहस दिखाया है। चौधरी चरण सिंह व्यउक्तिगत जीवन में भी ईमानदारी पर बहुत जोर देते थे। उनके जीवन के ऐसे अनेकों उदाहरण हैं। एक बार उन्हों ने एक शराब के व्या पारी का न केवल टिकट काट दिया बल्कि उसका दिया हुआ चंदा भी वापस कर दिया।
बागपत लोकसभा सीट से जीतकर प्रधानमंत्री बने
80 से ज्यादा साल से छपरौली आरएलडी का एक अभेद किला है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह छपरौली से छह बार 1937 से 1977 तक विधायक रहे थे। यहां से जीतकर मुख्यमंत्री बने और बागपत लोकसभा सीट से जीतकर प्रधानमंत्री बने। उनकी बेटी सरोज वर्मा 1985 में और उनके बेटे चौधरी अजित सिंह 1991 में छपरौली से विधायक चुने गए थे। चरण सिंह की पार्टी से एडवोकेट नरेंद्र सिंह छपरौली से पांच बार विधायक बने थे। चौ. चरण सिंह की ऐतिहासिक छपरौली विधानसभा सीट पर रालोद से चुने गए इकलौते विधायक सहेंद्र सिंह रमाला वर्ष 2018 में भाजपा में शामिल हो गये थे।