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योगी सरकार का बड़ा फैसला, छात्रों को पढ़ाई जाएगी चौरी चौरा कांड की गाथा
देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चौरी चौरा कांड के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर नई पीढी को इसकी गौरवगाथा को बताने के लिए अब इसे पाठ्यक्रम मे शामिल किया जाएगा।
लखनऊ: देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चौरी चौरा कांड के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर नई पीढी को इसकी गौरवगाथा को बताने के लिए अब इसे पाठ्यक्रम मे शामिल किया जाएगा। प्रदेश का माध्यमिक शिक्षा विभाग इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से निर्देश जारी किए गए है।
अब होगी पाठयक्रम का हिस्सा
गोरखपुर के चौरी चौरा में 4 फरवरी 1922 में आजादी के वीर जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत से भिड़ंत के बाद पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। इसमें 23 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। इस घटना को चैरी चैरा जनआक्रोश के रूप में जाना जाता है। शहीदों के इसी शौर्य की कहानी को अब पाठयक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
इसके लिए में पहले चरण में गोरखपुर मंडल के 400 से अधिक राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को चौरी चौरा स्थल का भ्रमण कराया जाएगा। 4 फरवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम का पूरे प्रदेश में सीधा प्रसारण भी किया जाएगा।
अन्य शहीद स्थलों पर भी कार्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौरी चौरा की घटना के शताब्दी वर्ष में प्रदेश के अन्य शहीद स्थलों पर भी कार्यक्रम आयोजित कराये जाएं। सप्ताह में एक दिन शहीद स्मारकों पर पुलिस बैण्ड भी अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा कि सभी शहीद स्मारकों पर माह में एक बार कार्यक्रम अवश्य आयोजित किया जाए। इन कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा जन सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि चैरी-चैरा आन्दोलन से जुड़े शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया जाए। इसके साथ ही शहीदों के परिजनों को शासकीय योजनाओं का लाभ भी दिया जाए।
वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
ज्ञातव्य है कि ‘चैरी-चैरा शताब्दी समारोह’ 4 फरवरी, 2021 से लेकर 4 फरवरी, 2022 तक आयोजित होगा। चैरी-चैरा की घटना का शताब्दी वर्ष समारोह शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति श्रद्धा निवेदित करने का अवसर है। ‘चौरी चौरा शताब्दी समारोह’ के अन्तर्गत वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। राज्य के सभी जनपदों में स्वाधीनता आन्दोलन अथवा देश की रक्षा में शहीद हुए भारत माता के सपूतों के स्मारक स्थित हैं। इन शहीद स्मारकों पर चैरी-चैरा की घटना को केन्द्र में रखते हुए शताब्दी समारोह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इससे चैरी-चैरा की घटना के सम्बन्ध में आम जनमानस सहित युवा पीढ़ी को तथ्यपरक जानकारी मिलेगी।
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स्कूलों में ऐसे कार्यक्रम का आयोजित
शताब्दी समारोह के तहत स्कूलों में निबन्ध लेखन, वाद-विवाद, पेण्टिंग आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही, प्रदर्शनियां, पुस्तक मेला तथा अन्य कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। शहीद स्मारकों का सौन्दर्यीकरण कराया जाएगा। शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा इनसे सम्बन्धित स्थलों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्र कर उसे विभिन्न माध्यमों से जनता के समक्ष लाया जाएगा।
‘चैरी-चैरा शताब्दी समारोह’ के कार्यक्रम शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति सद्भाव, श्रद्धा व सम्मान में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आमजन की सहभागिता से वर्ष पर्यन्त चलने वाले ‘चैरी-चैरा शताब्दी समारोह’ के कार्यक्रम राष्ट्र भक्ति की भावना जागृत करने में सफल सिद्ध होंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करेंगे। यह कार्यक्रम देश की जनता में सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वदेशी की भावना को और मजबूत करने का माध्यम बनेंगे।