सामूहिक विवाह योजना में दुल्हनों को नहीं पता थी अपनी उम्र, शादी के बाद पोछ दिया सिंदूर

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के तहत शनिवार को 144 हिंदू जोड़ों का विवाह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ और 37 जोड़ों का विवाह इस्लामिक रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुआ। लेकिन मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता देखने को मिली।

Dharmendra kumar
Published on: 10 Feb 2019 8:09 AM GMT
सामूहिक विवाह योजना में दुल्हनों को नहीं पता थी अपनी उम्र, शादी के बाद पोछ दिया सिंदूर
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बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के तहत शनिवार को 144 हिंदू जोड़ों का विवाह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ और 37 जोड़ों का विवाह इस्लामिक रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुआ। लेकिन मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता देखने को मिली।

जिला पंचायत सभागार में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में कुछ नाबालिग दुल्हनें नजर आईं तो कुछ को अपनी जन्म तिथि ही नही मालूम थी। यहां कुछ ने सरकारी लाभ के लिए विवाह रचा लिया और बाद में कहा कि मैं ऐसी शादी नहीं मानती और चंद मिनटों बाद नवविवाहित दुल्हनों ने अपना सिंदूर तक पोछ दिया।

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मुख्यमंत्री की इस महात्वाकांक्षी योजना को अधिकारियों ने किस तरह पलीता लगाने का काम किया है आइये जानते है इस रिपोर्ट से.....

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना सामूहिक विवाह योजना के तहत बलरामपुर जिले के जिला पंचायत सभागार में सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कुल 181 जोड़े शादी के बंधन में बंधे।

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना अधिकारियों की लापरवाही व उपेक्षा पूर्ण रवैया के चलते अनियमितता का शिकार हो गई यहां विवाह के लिए बेदी पर बैठे जोड़ों का विवाह महज पांच से दस मिनट में निपटाया जा रहा था, वहीं कई जोड़े तो ऐसे थे जो देखने में नाबालिग लग रहे थे तो कईयों की शादी मार्च अप्रैल और मई में तय है, लेकिन महज सरकारी योजना का लाभ लेने व औपचारिकता निभाने के लिए सामूहिक विवाह में शामिल हुए।

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नाबालिग दुल्हनों को नहीं मालूम थी अपनी उम्र

हद तो तब हो गयी जब विवाह करने आई युवतियों से जब उनके उम्र के बारे में मीडियाकर्मियों ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मालूम नहीं है, जबकि एक दुल्हन ने कहा कि पिता जी ने बताया है कि मैं 20 साल की हूं। वहीं विवाह के बाद सिंदूर मिटाने के सवाल पर दुल्हन ने कहा कि वो इस शादी को नहीं मानती है और बताया कि शादी फिर से तय तिथि को घर पर होगी। जबकि वर वधू के परिजनों ने भी सामूहिक शादी बाद में तय तिथि के अनुसार ही शादी करने की बात कही।

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बेटियों की शादी में किसी प्रकार की कमी न रह जाए इसलिए योगी सरकार ने सामूहिक विवाह में मिलने वाले 35 हजार के सरकारी लाभ को बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। 51 हजार की धनराशि में 6 हजार रूपये में टेंट और खाने का खर्चा व दुल्हन को बर्तन कपड़ा, स्मार्ट फोन, पायल, बिछिया व अन्य सामान के लिए 10 हजार रुपये का प्रावधान रखा है। जबकि 35 हजार रुपये अब सीधे लड़की के खाते में जाएंगे। जो पहले महज 20 हजार भेजे जाते थे।

खाने में भी अधिकारियों ने कर दिया गोलमाल

वर वधू पक्ष घराती और बाराती के खाने की समुचित व्यवस्था न कर अधिकारियों ने उनके लिए लंच पैकेट की व्यवस्था कर दी। लंच में भी पूड़ी सब्जी के साथ एक मीठा रखा गया। जो लोगों ने खाने के बजाय फेंक दिया, क्योंकि खाने की क़्वालिटी ठीक नही थी। लंच पैकेट पैक करने का जिम्मा जिला प्रशासन ने ठेकेदार के बजाय सफाईकर्मियों को दे रखा था।

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समाज कल्याण अधिकारी उमाशंकर प्रसाद ने बताया कि सामूहिक विवाह में कुल 181 जोड़ों का विवाह कराया गया है जिसमें 144 हिंदू जोड़ों का हिंदू रीति-रिवाज और 37 जोड़ों का विवाह इस्लामिक रीति-रिवाज के साथ विवाह कराया गया है। सामूहिक विवाह में नाबालिगों के होने की बात को समाज कल्याण अधिकारी ने शिरे से खारिज करते हुए बताया कि सबके वेरिफिकेशन हुए हैं। बीडीओ द्वारा उसके बाद ही इस कार्यक्रम में उन्हें हिस्सा लेने दिया गया है।

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