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चिकित्सक मरीजों के साथ बेहतर संवाद रखते हुए पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कार्य करें : योगी

ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चिकित्सा का एक ऐसा क्षेत्र है, इससे लोगों के जीवन को बचाया जाता है। इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार इस क्षेत्र को लगातार बढ़ाने का प्रयास कर रही है। पिछले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किये गये हैं और आगे भी होते रहेंगे।

Anoop Ojha
Published on: 27 Feb 2019 2:59 PM GMT
चिकित्सक मरीजों के साथ बेहतर संवाद रखते हुए पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कार्य करें : योगी
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चिकित्सा का एक ऐसा क्षेत्र है, इससे लोगों के जीवन को बचाया जाता है। इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार इस क्षेत्र को लगातार बढ़ाने का प्रयास कर रही है। पिछले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किये गये हैं और आगे भी होते रहेंगे।

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मुख्यमंत्री बुधवार को गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के सभागार में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (फेज-चर्तुथ) के अन्तर्गत मेडिकल कॉलेज के ‘सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक’ का शिलान्यास करने के बाद बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में साल 2014 के बाद प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 13 नये मेडिकल कॉलेजों का केन्द्र सरकार के सहयोग से निर्माण किया जा रहा है। जबकि आजादी के बाद से साल 2014 तक कुल 13 मेडिकल कॉलेज बने ही बन सके। दो मेडिकल कॉलेज प्रदेश सरकार अपने स्तर से बना रही है। दो नये एम्स गोरखपुर एवं रायबरेली में बन रहे है तथा वाराणसी में एम्स के समकक्ष अस्पताल बनाया जा रहा है तथा कैंसर संस्थान का विकास किया गया है।

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प्रयागराज व झांसी में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बने हैं तथा आगरा एवं कानपुर में भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। 53 जनपदों के नेशनल इम्पालाई यूनिट को जोड़कर एक चिकित्सक एवं एक पैरामेडिकल स्टॉफ चिकित्सा के लिए तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार चिकित्सा क्षेत्र को बेहतर करने के लिए बेहद गंभीर है। ऐसे में चिकित्सक अपनी जिम्मेदारियों का इमानदारी एवं संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों एवं कर्तव्यों का निर्वहन करें। आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। इस योजना से प्रदेश में छह करोड़ लोग लाभान्वित होंगे तथा इसके अतिरिक्त बचे हुये लोगों को उत्तर प्रदेश सरकार एक मार्च से पांच लाख रुपये की धनराशि से इलाज एवं चिकित्सा सुविधा के लिए गोल्डन कार्ड जारी करेगी।

अपने दायित्वों को समझे डॉक्टर

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विगत दो वर्षों में स्वास्थ्य सुविधा में बड़ा परिवर्तन हुआ है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में साल 2014 के बाद प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 13 नए मेडिकल कॉलेजों का केन्द्र सरकार के सहयोग से निर्माण किया जा रहा है तथा दो मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश सरकार अपने स्तर से बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बेहतर एवं अच्छी चिकित्सा सुविधायें देने के लिए प्रतिबद्ध है। चिकित्सक बनकर अपने दायित्वों को समझे और चिकित्सा को पेशा न बनाये। चिकित्सक मरीजों के साथ बेहतर संवाद रखते हुए पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि आवश्यक चिकित्सीय उपकरण एवं सुविधायें मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध रहे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर एवं आगरा मेडिकल कालेजों की स्थिति को देखते हुए इनको ठीक करने के लिए ठोस विस्तृत कार्य योजना बनायी जाये। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं के लिए पीएचसी एवं सीएचसी खोले हैं लेकिन चिकित्सों की ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने में रुचि न लेने से जनता को असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद को दो-दो लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स उपलब्ध करायी गयी है। जिनसे लगभग 78 हजार लोगों का जीवन समय पर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराकर बचाने का कार्य किया गया है।

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इस अवसर पर प्रदेश के प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोश टण्डन, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, महापौर प्रमिला पाण्डेय, सांसद देवेन्द्र सिंह भोले, विधायक नीलिमा कटियार आदि मौजूद रहे।

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भारत से शुरू हुई चिकित्सीय सेवाएं

इस अवसर पर शहर सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं का सूर्य हमारे देश में उदय हुआ था। हमें इस सूर्य के प्रकाश को संजोकर रखना है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अनुसंधान करने पर जोर देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण नयी बीमारियों का जन्म होता है। इनको ध्यान में रखते हुए चिकित्सा के क्षेत्र में नये अनुसंधान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत की पुरातन चिकित्सा पद्धति शोध होती थी। आयुर्वेद पर शोध करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि आयुर्वेद दीर्घायु का विज्ञान है। वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने साफ कर दिया कि कोई भी सरकारी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस नहीं करेगा। यदि कोई करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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