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मुख्यमंत्री विवाह योजना के शादियों काजी ने निकाह पढ़ाने से किया इंकार, ये है मामला
काजी का कहना है कि पिछले निकाह के 20 हजार पांच सौ रूपये जब तक नहीं मिल जाते हैं तब तक वह सरकारी कार्यक्रम मे निकाह नही पढ़एंगे। आज होने वाले सामुहिक विवाह कार्यक्रम में काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया है।
शाहजहांपुर: मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत हाने वाले शादियों में यहां के काजियों ने निकाह पढ़ने से इंकार कर दिया है। काजी का कहना है कि पिछले तीन सरकारी कार्यक्रम मे निकाह कराने का भुगतान अभी तक नहीं मिला है। जब अपना पैसा अल्पसंख्यक अधिकारी से मांगते हैं तो वह धमकाते भी है।
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काजी का कहना है कि पिछले निकाह के 20 हजार पांच सौ रूपये जब तक नहीं मिल जाते हैं तब तक वह सरकारी कार्यक्रम मे निकाह नही पढ़एंगे। आज होने वाले सामुहिक विवाह कार्यक्रम में काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया है। वहीं इस सवाल को कैबिनेट मिनिस्टर टालते नजर आए।
मुख्यमंत्री विवाह योजना के अंतर्गत आए मंडी समिति मे सरकारी कार्यक्रम होना है। ऐसे मे वहां पर 15 मुस्लिम जोङो की भी शादियां होनी है। लेकिन कार्यक्रम मे निकाह पङाने वाले काजी वसीम मीनाई ने निकाह पङाने से इंकार कर दिया है। काजी के इंकार करने पर अब कार्यक्रम मे होने वाले मुस्लिम जोड़ो के निकाह कैसे हो पाएंगे।
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काजी वसीम मीनाई का कहना है कि इससे पहले यहां पर तीन सरकारी विवाह कार्यक्रम हुए है। जिसमे करीब 41 निकाह हमने पढ़ाए है। वैसे एक निकाह के 11 सौ रूपये लेते है। लेकिन जिला प्रशासन ने कहा था कि वह निकाह का भुगतान देंगे। काजी का कहना है कि गरीबों का विवाह योजना चल रही है। ऐसे मे 500 रूपये एक निकाह के देना चाहिए। तीन बार अल्पसंख्यक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पैमेंट के लिए बिल लगा दिए है। और उनका भुगतान हो जाएगा।
आज फिर सामुहिक विवाह कार्यक्रम हो रहा है। जहां पर मुस्लिम जोङो का निकाह होना है। ऐसे मे अब काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया है। ऐसे अब अल्पसंख्यक अधिकारी काजी को फोन पर धमकाने का आरोप लगाया है।
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कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि मेरे संज्ञान मे मामला नही है। मीडिया के पास हमेशा गलत जानकारी होती है। अगर ऐसा है तो उसकी पहले जांच कराई जाएगी। जांच के बाद ही किसी पर कार्यवाई की जाती है।