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Firozabad News: निजी चिकित्सक की लापरवाही से बच्चे की मौत, परिजनों ने काटा हंगामा
Firozabad News Today: प्राइवेट चिकित्सक की लापरवाही से डॉ मेवाराम क्लीनिक पर दो माह के मासूम की मौत हो गई। डॉक्टर ने बिना बच्चे की जांच के भाप दी जिस के कुछ समय बाद शिशु की मौत हो गई।
Firozabad News: जिले के शिकोहाबाद में रविवार को एटा रोड पर एफसीआई गोदाम के पास एक प्राइवेट चिकित्सक की लापरवाही (Negligence of private doctor) से डॉ मेवाराम क्लीनिक पर दो माह के मासूम की मौत हो गई। डॉक्टर ने बिना बच्चे की जांच के भाप दी जिस के कुछ समय बाद शिशु की मौत हो गई। जब बच्चे की हालत बिगड़ी तो परिजन आनन फानन सरकारी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत से परिवार के लोगों ने बच्चे के शव को ले जाकर जमकर हंगामा काटा।
पुलिस ने आक्रोशित लोगों को किया शांत
सूचना पर पहुँची पुलिस ने आक्रोशित लोगों को शांत किया। नैतिक 2 माह पुत्र प्रेमवीर निवासी मंदना बनवरा थाना जसराना रविवार को उसकी तबियत खराब होने पर एटा रोड स्थित एक निजी चिकित्सक के यहां पर दिखाने के लिए आए थे। डॉक्टर ने बच्चे को भाप दे दी जिससे उसकी हालत बिगड़ गई।
परिजनों का आरोप
परिजनों का आरोप है कि भाप देने के दौरान ही बच्चे की सांसें थम गई। जब बच्चे की मौत हो गई, तब डॉक्टर ने उसके पिता और परिजनों से कहा कि इसको लेकर सरकारी अस्पताल जाओ, इसकी हालत खराब हो रही है। जब परिजन मासूम को लेकर सरकारी अस्पताल आए तो इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर अरुनकान्त वर्मा ने परीक्षण के बाद मासूम को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजनों में डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया। परिजन बच्चे के शव को लेकर क्लीनिक पर पहुंच गए और हंगामा करने लगे। हंगामा की सूचना पर पहुँची पुलिस ने आक्रोशित लोगों को शांत किया। बाद में पुलिस ने मामले को समझा बुझा कर शांत करा दिया।
तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जायेगी: निरीक्षक
इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक हरवेंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि तहरीर मिलने पर कार्यवाही की जायेगी। अभी दोनों पक्षों में समझौते पर बातचीत चल रही है। अगर तहरीर आई तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
नगर में खुले अस्पताल बन रहे हैं लोगों के मौत का कारण
नगर में कुकरमुत्ते के तरह खुले अस्पताल लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। आए दिन नगर के अस्पताल में किसी न किसी के साथ घटनाएं हो रही है। जब भी घटना होती है तो मामले में लीपापोती हो जाती है जिसके चलते मरीजों के जीवन पर संकट मंडराता रहता है।