TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बाल मजदूरी: सिसक रहा बचपन-टूट रहे सपने, इस जिले की है ये कहानी

नगर पंचायत ज्ञानपुर की सड़कों पर रोजाना सुबह मासूम बच्चों को झाड़ू लगाते देखा जा सकता है। अपने कद से दोगुना लंबे डंडे में लगा झाड़ू लेकर यह सरकार फुटपाथों पर झाड़ू लगा रहे हैं। कभी-कभार कूड़े के ढेर वह भारी भरकम लोहे की ट्राली में भरकर दूर फेंकने का जिम्मा भी इन्हीं पर होता है।

Newstrack
Published on: 12 Oct 2020 12:58 PM IST
बाल मजदूरी: सिसक रहा बचपन-टूट रहे सपने, इस जिले की है ये कहानी
X
बाल मजदूरी: सिसक रहा बचपन-टूट रहे सपने, इस जिले की है ये कहानी

भदोही: जनपद भदोही के ज्ञानपुर में एक ऐसा भी दौर था जब 'बचपन मत मुरझाने दो, बच्चों को मुस्कुराने दो' जैसे नारे खूब फिजा में गूंजते थे। लेकिन स्याह सच यह है कि जिला मुख्यालय भदोही के विभिन्न सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों/कर्यालयो समेत विभिन्न ढाबे और गैराजों में बचपन सिसक रहा है। और मासूमों के सपने टूट रहे हैं। यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि जिन नन्हे हाथों में कलम होनी चाहिए वहां कूड़े-करकट तथा हाथों में झाड़ू मौजूद हैं।

सरकारी अधिकारियों के बंगलों के अलावा विभागीय परिसरों व बाजारों में झाड़ू लगाते बाल मजदूर समाज के नैतिक पतन की कहानी को बयां करता है। बाल श्रम निषेध के लिए अधिनियम बनाये गये हैं लेकिन खुद अधिनियम भी हालात और विभागीय अफसरों की कहानी बन कर रह गयी है।

मुस्कान परियोजना नगर पंचायत ज्ञानपुर के ठंडे बस्ते में

बताते चलें कि नगर पंचायत ज्ञानपुर की सड़कों पर रोजाना सुबह मासूम बच्चों को झाड़ू लगाते देखा जा सकता है। अपने कद से दोगुना लंबे डंडे में लगा झाड़ू लेकर यह सरकार फुटपाथों पर झाड़ू लगा रहे हैं। कभी-कभार कूड़े के ढेर वह भारी भरकम लोहे की ट्राली में भरकर दूर फेंकने का जिम्मा भी इन्हीं पर होता है। वार्ड नंबर 4 में रंजीत सभासद के एरिया में झाड़ू लगा रहा यह नन्हा बालक अपना नाम तो नहीं बताया, लेकिन यह जरूर बता दिया कि उसके माता-पिता घर पर आराम फरमा रहे हैं। उनके बदले वह रोजाना सड़कों पर झाड़ू लगाता है।

ये भी देखें: भाजपा सांसद मस्त का बड़ा हमला- राहुल खुद समझते हैं और खुद बोलते हैं

पिता के बीमार होने पर बेटा लगा रहा झाड़ू

जब तक माता-पिता मुझे स्कूल नहीं भेजेंगे, वह झाड़ू लगाता रहेगा। उस मासूम को यह भी कहना था। कि उसके माता-पिता नगर पंचायत में सफाई कर्मी है ,वह रोजाना झाड़ू लगाते हैं लेकिन मां इन दिनों कुछ बीमार है और पिता घर पर खाना बना रहे हैं इसलिए ड्यूटी मैं खुद ही कर रहा हूं। नौनिहाल के हाथों से कलम किताबें छीन कर झाड़ू थमा देने का यह नजारा सार्वजनिक होने के बाद भी नगर पंचायत प्रशासन की नजरों से बाहर है।

ये भी देखें: क्या मुसलमान खुशहाल हैं ?

बाल श्रम विभाग भी आंखें मूंदे हुए हैं । नगर वासियों ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है , जबकि ऐसा किए जाने पर दोषी नियोजकों को 20 हजार रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story