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अब स्कूल की बाहरी दीवारों पर लिखे जाऐंगे 'बाल अधिकार', बच्चों को दी जाएगी जानकारी
मेरठ: परिषदीय विद्यालयों से लेकर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाले पौने दो करोड़ बच्चों को अब अपने अधिकारों के बारे में किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह अपने अधिकार आसानी से जान सकेंगे। इसके लिए स्कूल की बाहरी दीवारों पर बाल अधिकार लिखे जाएंगे। बच्चों के साथ-साथ आम जन भी इसकी जानकारी ले सकेंगे। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। दीवार लेखन के लिए प्रति विद्यालय 500 रुपए की धनराशि भी स्वीकृत की जाएगी।
ये हैं बाल अधिकार
- छह से 14 वर्ष के सभी बच्चों को पड़ोस के स्कूल में आरटीई के तहत फ्री शिक्षा।
- कक्षा 1 से 8 तक कैपिटेशन फीस व अन्य सभी शुल्क प्रतिबंधित है।
- 6 से 14 वर्ष के विद्यालय न गए बच्चों को आयु के अनुसार कक्षा में दाखिला व विशेष प्रशिक्षण का अधिकार।
- प्रवेश के लिए जन्म, आयु प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं है। शारीरिक दंड एवं मानसिक प्रताड़ना पर रोक।
- एक स्कूल से दूसरे स्कूल में कभी भी स्थानांतरण का अधिकार, स्थानांतरण प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं।
- बच्चे को क्लास में रोके जाने, विद्यालय से निकाले जाने पर रोक, बोर्ड परीक्षा नहीं।
- विद्यालय में स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था। बालक-बालिका के लिए अलग शौचालय।
- विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षा, सहायक सामग्री एवं उपकरण की फ्री सुविधा।
- विद्यालय विकास अनुदान के रूप में प्राथमिक विद्यालय के लिए 5 हजार, उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए 7 हजार वार्षिक।
- विद्यालय में जाति, वर्ग, धर्म अथवा लिंग आधारित दुर्व्यवहार रहित वातावरण आदि।
तीन साल का ब्यौरा दीवारों पर होगा दर्ज
-परिषदीय विद्यालयों में उपलब्ध संसाधन और सुविधाओं आदि की जानकारी अब विद्यालयों की दीवारों पर अंकित होगी।
-जनवाचन के तहत विद्यालय में भौतिक सामान जैसे कक्षा, शौचालय, बच्चों के लिए फर्नीचर, किचेन शेड, बिजली, रैम्प, पुस्तकालय, छात्र नामांकन से लेकर कितने शिक्षक हैं, कितने बच्चों को किताबें, यूनीफार्म, छात्रवृत्ति दी गई, इन सबका वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक का ब्यौरा दर्ज करना होगा।
-विद्यालय में किसी भी तरह की समस्या होने या अन्य दिक्कतों के लिए सभी जरूरी नंबर भी दर्ज किए जाएंगे।
-विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी का नाम व नंबर अंकित किया जाएगा।
-जरूरत पड़ने पर लोग इस पर संपर्क कर सकते हैं।
-एडी बेसिक अशोक सिंह ने बताया कि इस योजना को अमली जामा पहनाने का कार्य जिले में किया जा रहा है।