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चाइल्ड स्पेशलिस्ट मामला, आईएमए-प्रशासन आमने सामने, जारी आरोप प्रत्यारोप
आईएमए के डाक्टरों की ओर से कहा गया है कि डाक्टर की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। जबकि जिला प्रशासन इस बात को सिरे से खारिज कर रहा है।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कोरोना पाजिटिव चाइल्ड स्पेशलिस्ट डाक्टर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब प्रशासन और डाक्टरो का संगठन आमने-सामने आ गया है। आईएमए के डाक्टरों की ओर से कहा गया है कि डाक्टर की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। जबकि जिला प्रशासन इस बात को सिरे से खारिज कर रहा है।
3 मई को आई थी पॉजिटिव रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार 3 मई को जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र के मधुबन रोड पर स्थित निजी नर्सिंग होम के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डाक्टर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने डाक्टर समेत परिवार और स्टाफ के 5 सदस्यों को क्वारंटाइन सेंटर भेजा था। वहीं डाक्टर एक मीटिंग में डाक्टर जिला अस्पताल व अन्य डाक्टरों के साथ शामिल हुए थे। ऐसे में दो दिन के बाद 56 डाक्टरों को भी होम क्वारंटाइन किया गया था।
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डॉक्टर और प्रशासन आमने-सामने
इस बीच आज तब नया मोड़ आ गया जब आईएमए के डॉक्टरों की ओर से कहा गया कि एक मामूली प्राइवेट पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट के आधार पर एक जागरूक व जिम्मेदार चिकित्सक को किस तरह प्रताड़ित किया गया। उसके संस्थान को सील कर दिया, मीडिया में उसे लालची, गैरजिम्मेदार, हत्यारा और भी लांछन लगाते हुए एफआइआर तक विभिन्न आपराधिक धाराओं में कर दिया गया।
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वही आईएमए के डाक्टरों ने कहा कि अब चाइल्ड स्पेशलिस्ट डाक्टर की फाइनल रिपोर्ट लखनऊ से नेगेटिव आ चुकी है। प्रशासन का क्या रुख होगा? उधर प्रशासन की ओर से सीडीओ अभिषेक गोयल ने मीडिया को बताया कि निजी बाल रोग चिकित्सक लोक बंधु हास्पिटल लखनऊ में भर्ती हैं। कोविड19 से सम्बंधित कोई रिपोर्ट अभी तक सीएमओ आफिस नही आई है।
नरेंद्र