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Agra News: लाइफ लाइन एमजी रोड पर 'बचपन' मांग रहा भीख, सर्वे में हुआ चौंका देने वाला खुलासा
Agra News: शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली सड़क एमजी रोड पर इन दिनों भिखारियों का कब्जा है। बड़ी संख्या में बच्चे भीख मांग रहे हैं। इसके लिए उनको बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है।
Agra News: शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली सड़क एमजी रोड (MG Road) पर इन दिनों भिखारियों (beggars) का कब्जा है। बड़ी संख्या में बच्चे भीख मांग रहे हैं। इसके लिए उनको बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है तथा पॉइंट बांटे जाते हैं। महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगती है। यह खुलासा चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट (child rights activist) एवं महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस की सर्वे रिपोर्ट में हुआ है। उन्होंने यह रिपोर्ट पुलिस तथा प्रशासन को सौंपी है।
भिखारी गैंग भी हो सकता है सक्रिय
फोटो खींचने पर बच्चे तथा महिलाएं चेहरा छुपा लेते हैं भाग जाते हैं। कुछ शारीरिक विकलांगता का नाटक करते हैं। महफूज द्वारा 20-22 अगस्त 2022 को किए गए एमजी रोड के तीन दिवसीय सर्वे में 64- बच्चे भीख मांगते पाए गए। यह बच्चे भगवान टाकीज, सूरसदन, हरीपर्वत, सेंटजॉस, साई की तकिया तथा प्रतापपुरा प्रतापपुरा चौराहा पर भीख मांगते मिले। जिनके फोटो एवं वीडियो महफूज के पास हैं।
हरीपर्वत चौराहा पर करीब 12 वर्ष की एक बालिका भीख मांगती नजर आई एक महिला उसे भीख मांगने की टिप्स दे रही थी। उसे भीख मांगने की जगह भी बता रही थी। उस बालिका से बात की गई तो उसने बताया कि वह राजस्थान की रहने वाली है उससे तीन दिन से भीख मंगवाई जा रही है। इसी दौरान एक महिला गोद में बच्चा लेकर आ गई। उसने बालिका से बात करने के लिए मना कर दिया और उसे बच्चा थमा दिया। फिर बालिका बच्चे को लेकर भीख मांगने लगी महिला ने बातचीत करने से पूरी तरह इंकार कर दिया। उसकी गतिविधियां संदिग्ध थीं।
इसी तरह एक बालिका आगरा कैंट पर भीख मांगती हैं वह कन्नौज की रहने वाली बताती है। एमजी रोड पर पांच दर्जन बच्चे भीख मांगते हुए पाए गए। इसके अलावा आगरा कैंट रेलवे स्टेशन आगरा फोर्ट स्टेशन, आईएसबीटी बस स्टैंड, ईदगाह बस स्टैंड राजा की मंडी रेलवे स्टेशन, बिजलीघर, संजय प्लेस आदि स्थानों पर बच्चे भीख मांग रहे हैं। अधिकांश बच्चे बाहरी जनपदों के है। आशंका है कि बाहर से बच्चों को आगरा लाकर भिक्षावृत्ति कराई जा रही है। पूर्व में भी भीख मंगवाने वाला गिरोह प्रकाश में आ चुका है। रामदाग की रहने वाली एक किशोरी को कुछ हरीपर्वत चौराहे पर भीख मंगवाते थे। बाद में उसे दिल्ली के देह व्यापार में ढकेल दिया था किशोरी ने किसी तरह उनके चंगुल से बचकर पुलिस के पास पहुंची थी परिजनों ने थाना एत्मदौला में उसके अपहरण का मागमा भी दर्ज कराया था। दो माह पहले ही किशोरी अपने परिवार के पास पहुंची है।
यह है कार्रवाई का प्रावधान
नरेश पारस ने सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा 76 (1) के तहत भीख मंगवाना अपराध है। यदि कोई भीख मंगवाने के लिए बच्चों को नियोजित करता है या किसी बच्चे से भीख मंगवाने पर पांच साल की कैद और एक लाख रूपया दंड का प्रावधान है। इसी अधिनियम की धारा 76(2) के खंड 14 के उपखंड -5 के तहत जो भी अभिभावक भीख मंगवाता है, उसे अयोग्य माना जाएगा। संरक्षकता हटा ली जाएगी।
समुचित पुनर्वास के लिए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसी प्रकार बाल श्रम (प्रतिबंध एवं नियमन ) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत कोई भी व्यक्ति काम कराने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करता है जिससे पैसे की आमदनी होती है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। किसी भी काम के लिए 14 साल से कम उम्र के बच्चे को नियुक्त करने वाले व्यक्ति को दो साल तक की कैद की सजा तथा उस पर 50 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। यदि कोई व्यक्ति बच्चे को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाकर भिक्षावृत्ति कराता है तो मानव तस्करी की धारा 370 आईपीसी के तहत कार्यवाई का प्रावधान है। जिसमे नाबालिग की तस्करी करने पर पर दस वर्ष से आजीवन कारावास तक की राजा हो सकती है।
इन जिम्मेदारों को सौंपी रिपोर्ट
एमजी रोड पर किए गए सर्वे की रिपोर्ट नरेश पारस ने एसपी सिटी, एसएसपी, सिटी मजिस्ट्रेट, जिला प्रोबेशन अधिकारी तथा बाल कल्याण समिति सौंपी है। साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य को भी यह सर्वे रिपोर्ट भेजी है।
बच्चे कराए जाएं मुक्त
नरेश पारस ने मांग की है कि सर्वे में चिन्हित किए गए बच्चों को मुक्त कराकर पुनवार्सित किया जाए तथा सम्पूर्ण जनपद का सर्वे कराया जाए। सभी बच्चों की जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा काउंसलिंग कराई जाए भीख मंगवाने वालों के विरुद्ध उक्त अधिनियमों के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाए। पीड़ित बच्चों को इंटीमेंटेट चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम (आईसीपीएस) की स्पान्सरशि योजना तथा बाल श्रमिक विद्या योजना से जोडकर यासित किया जाए। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा इन बच्चों का लगातार फॉलोअप कराया जाए। चौराहों पर लगे स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरों से इनकी निगरानी की जाए। जिससे बच्चे दुबारा भिक्षावृत्ति में संलिप्त न हो सकें। आगरा भिक्षावृत्ति मुक्त हो सके। सर्वे के दौरान नरेश पारस के साथ वालंटियर प्राची अग्रवाल और नितिन शुक्ला उपस्थित रहे।