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ये कैसा बाल दिवस ! बर्तन धोते बच्चे, प्रिंसिपल बोलीं- मोदी जी ही तो कहते हैं ...
पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे। उनके जन्म दिवस (14 नवंबर) को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। देशभर के स्कूल-कॉलेज में बच्चे इस दिन खूब एन्जॉय करते हैं।
फिरोजाबाद : पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे। उनके जन्म दिवस (14 नवंबर) को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। देशभर के स्कूल-कॉलेज में बच्चे इस दिन खूब एन्जॉय करते हैं। लेकिन, यूपी के फिरोजाबाद में बाल दिवस के दिन जो नजारा देखने को मिला, उससे सरकार के न्यू इंडिया के सपने की पोल खुल गई। आजादी के 70 सालों में भी इस तरह की तस्वीरें अपने आप में बेहद ही शर्मनाक हैं। ये नजारा मासूमों के भविष्य पर शासन प्रशासन का जोरदार तमाचा है।
यूपी के सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है। फिरोजाबाद के प्राथमिक विद्यालय में बाल दिवस के दिन बच्चे खेल-कूद और पढाई करने की बजाए बर्तन धोने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं इस मामले पर स्कूल की प्रिंसिपल का जवाब और भी हैरान कर देने वाला है। उनका कहना है कि मोदी जी ही तो कहते हैं 'स्वच्छ भारत अभियान'।
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दरअसल, यूपी में फिरोजाबाद के गोछ गांव के प्राथमिक विद्यालय में बाल दिवस के मौके पर कोई सेलिब्रेशन कार्यक्रम नहीं हुआ। लेकिन, स्कूली बच्चों को बर्तन धोने का पाठ जरूर पढ़ाया गया।
जब बच्चों से चाचा नेहरू के बारे पूछा, तो बच्चों को पता ही नहीं था कि चाचा नेहरू कौन थे ? स्कूली बच्चों का कहना है कि हम नहीं जानते कि चाचा नेहरू कौन हैं ? हमें अभी तक नहीं बताया गया। हम यहां रोज बर्तन धोते हैं।
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इस पर स्कूल की प्रिसिपल सुचित्रा सिंह ने कहा कि पीएम मोदी का कहना है कि स्वच्छता के लिए सफाई खुद करनी चाहिए। अगर बच्चे बर्तन धो रहे हैं तो इसमें बुरा क्या है। सबको अपना काम करना चाहिए। स्कूल में जो बर्तन सफाई करता है, वह बीमार है। प्रिंसिपल ने कहा कि लंच टाइम खत्म होने के बाद बाल दिवस पर कार्यक्रम होगा। लेकिन, दोपहर तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।