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Kanpur Dehat News: कंपकंपाती ठंड में स्कूल जाने को मजबूर नन्हे बच्चे

Kanpur Dehat News: उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर में नौनिहाल नामचीन स्कूलों की निष्ठुरता की 'सजा' पा रहे हैं, दिसंबर माह की कहर बरपाती सर्दी में सुबह जल्दी स्कूल जाने को विवश हैं।

Manoj Singh
Published on: 27 Dec 2022 8:34 AM GMT (Updated on: 27 Dec 2022 8:59 AM GMT)
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कानपुर देहात: कंपकंपाती ठंड में स्कूल जाने को मजबूर नन्हे बच्चे

Kanpur Dehat News: सुर्ख लाल चेहरा, मुंह से सी-सी, कंपकंपा रहा शरीर अकड़ रहा है और हाथ-पैर एकदम ठंडे पड़ गए हैं। यह दयनीय हालत उन मासूमों की है जो जीरो डिग्री तापमान में शीत लहर के थपेड़े झेलते स्कूल जा रहे हैं। ये नौनिहाल नामचीन स्कूलों की निष्ठुरता की 'सजा' पा रहे हैं, जो दिसंबर माह की कहर बरपाती सर्दी में सुबह जल्दी स्कूल जाने को विवश हैं।

शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक बरस 24 से 31 दिसंबर तक बड़े दिन की छुट्टियां यानी शीतकालीन अवकाश होते हैं। यूं भी कड़ाके की सर्दी वाले इन दिनों में तमाम स्कूलों में अवकाश रखने के प्रशासनिक आदेश भी प्रभावी रहते हैं।

मुसीबत अभिभावकों की

इस भयंकर सर्दी में सुबह जल्दी उठकर बच्चों को स्कूल भेजना अभिभावकों के लिए भी बड़ी मुसीबत है। परिषदीय विद्यालयों से लेकर प्राइवेट विद्यालय तक के बच्चे 10०C कि सर्द हवाओं में घर से बाहर निकलने पर बड़े-बड़ों की हिम्मत जवाब दे जाती है किंतु निष्ठुर हुए स्कूल संचालकों को नन्हे मासूमों पर जरा सा भी तरस नहीं और शीतकालीन अवकाश करने की बजाए सुबह जल्दी स्कूल बुलाकर इनकी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

जुबान में कहते हैं कि सर्द हवाओं में घर से बाहर निकलने पर बड़े-बड़ों की हिम्मत जवाब दे जाती है किंतु निष्ठुर हुए स्कूल संचालकों को नन्हे मासूमों पर जरा सा भी तरस नहीं और शीतकालीन अवकाश करने की बजाए सुबह जल्दी स्कूल बुलाकर इनकी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

बादलों के साथ सर्द हवाओं में असुरक्षित बस-आटो

आज बादलों के साथ सर्द हवाएं भी चल रही है घनी धुंध-कोहरा की चादर बिछी रहने से सुबह के समय थोड़ी दूरी पर दिखाई देना मुश्किल है। ऐसे समय बच्चों को शहर से बाहर स्थित स्कूलों में बस-आटो से भेजना खतरे से खाली नहीं। ये स्कूली वाहन इस मौसम के अनुकूल भी नहीं, इन वाहनों में धुंध से निपटने को फोग लाइटें नहीं हैं। वहीं आटो में पर्याप्त पर्दे और बसों में शीशे तक नहीं हैं। इससे सर्दी की ठिठुरता व खतरा और भी बढ़ जाता है।

ठंड से बचाएं बच्चों को- डा. डीके सिंह

सुबह की ठंड में घर से मासूमों का निकलना सेहत से खिलवाड़ है। सर्द हवाओं में स्कूल जाते समय बच्चे जुकाम, खांसी का शिकार हो रहे हैं। सिविल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके सिंह की सलाह के अनुसार सर्दी शुरू होते ही बच्चों की देखभाल ज्यादा हो। सर्दी लगने से खांसी, जुकाम, निमोनिया, दस्त और हाथ-पैर सूजना आदि अन्य बीमारियां घेरती हैं। इस दौरान जितना हो सके बच्चों को गर्म कपड़ों में ढंक कर रखें, उन्हें वूलेन सूट के साथ कैप पहनाएं। वहीं वैन-रिक्शा पर भी शीशे व पर्दे हों।

Shashi kant gautam

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