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राष्ट्रपति के गांव में शिक्षा के साथ बच्चों को मिला रोशनी का अधिकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को साकार करने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तेजी से काम कर रही हैं।
लखनऊ। योगी सरकार यूपी के गांवों में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों की दुनिया को सजाने-उनमें शिक्षा की अलख जगाने और गांव-गांव में अंधकार को मिटाकर उजाला लाने में जुटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को साकार करने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तेजी से काम कर रही हैं। उन्होंने गांव में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिये सस्ते सोलर लैम्प बनाएं हैं। जो उनकी पढ़ाई में मददगार बन रहे हैं। सरकार की प्रेरणा से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने सीएसआर फंड की मदद से इस अनोखी पहल को साकार कर दिखाया है।
बाजारों में 500 रुपए की कीमत के मिलने वाले लैम्प को इन महिलाओं ने स्कूली बच्चों को मात्र 100 रुपए में उपलब्ध कराया है। योगी सरकार इससे पहले 28 लाख सोलर लैम्प यूपी के 75 ब्लाक और 30 जनपदों में स्कूली बच्चों को बांट चुकी है। इनको चार हजार महिलाओं ने तैयार किया था।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से स्कूली बच्चों को अब शिक्षा के साथ रोशनी का अधिकार भी मिल रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (ग्राम विकास विभाग) के प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सोलर लैम्प बनाकर आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन रही हैं।
कानपुर देहात जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस पहल से बच्चों को पढ़ाई में काफी मदद मिलेगी। जिले के लिये यह गर्व की बात है कि सोलर लैम्प बना रही महिलाओं ने खुद को आत्मनिर्भर बनने का भी रास्ता बनाया है।
जिला प्रशासन कानपुर देहात की मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय ने बताया कि जिले में 978 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 10,758 ग्रामीण महिलाओं को समूहों से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि कानपुर देहात में ग्रामीण स्कूली बच्चों के उपयोग हेतु बाजार मूल्य से सस्ते सोलर लैंप का महिलाएं कर रही हैं।
बच्चों के लिये 'उजाला' बने 'सोलर लैम्प'
प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में ब्लाक– डेरापुर के ग्राम परौंख में (ग्राम सभा परौंख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पैतृक गांव है) 18 समूहों के अंतर्गत चयनित कर 35 महिलाओं को सस्ती कीमत के सोलर लैम्पों के निर्माण व विक्रय के लिए प्रशिक्षण देकर एक इकाई स्थापित की गयी है| प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के सीईओ शैलेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि समूह की महिलाओं को प्रति लैंप निर्माण का 12 रुपए तथा प्रति लैंप बिक्री का 17 रुपए दिया जाता है, जिससे उनकी आमदनी 250-300 रुपए प्रतिदिन हो जाती है। लैम्प में खराबी आने पर रिपेयरिंग भी की जाती है। इस लैम्प की वारंटी 28 फरवरी, 2022 तक है। अभी तक 1000 सोलर लैम्पों को बना कर ब्लाक के परिषदीय स्कूलों के छात्रों को 100 रुपए प्रति लैंप के मूल्य में विक्रय किये जा चुके हैं, जिससे ग्रामीण बच्चों को पठन पाठन में सुविधा हो रही है। अभी तक इन महिला समूह इकाइयों को सोलर लैम्प विक्रय करने से एक लाख रुपए प्राप्त हो चुके हैं।
ब्लाक और कस्बों में खोल सकेंगी 'सोलर स्मार्ट शॉप'
सोलर लैम्पों का निर्माण कर रही समूह की महिलाओं को आगे चलकर योजना के तहत उद्यमी बनने का भी सुनहरा मौका भी मिलेगा। प्रेरणा ओजस के सीईओ शैलेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि जब सोलर लैम्प का वितरण लक्ष्य पूरा हो जाएगा तो यही महिलाएं आगे चलकर सौर उद्यमी बनेगी। इनको ब्लाक के विभिन्न कस्बों एवं बाजारों में प्रेरणा सोलर स्मार्ट शॉप खुलवाने में आर्थिक सहायता दी जाएगी। महिलाएं सोलर शॉप पर विभिन्न तरह के सोलर प्रोडक्ट लालटेन, टॉर्च, लैम्प, सोलर पंखा, पैनल, एलईडी बल्ब की मरम्मत व बिक्री करेंगी। शेष महिलाओं को सोलर लैम्पों समेत अन्य सोलर उत्पादों के निर्माण, विक्रय, रिपेयर के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।