Chitrakoot News: बेटी के सामने पिता का कत्ल करने वालों को उम्रकैद, जिला जज ने सुनाई सजा

Chitrakoot News: बेटी के सामने पिता को घर के बाहर से ले जाकर कत्ल करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर सत्र न्यायाधीश ने दो हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 23 Dec 2022 2:23 PM GMT
Sonbhadra News Today
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सजा: Photo- Social Media

Chitrakoot News: बेटी के सामने पिता को घर के बाहर से ले जाकर कत्ल करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर सत्र न्यायाधीश ने दो हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25-25 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

8 फरवरी 2014 का है मामला

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्यामसुन्दर मिश्रा ने बताया कि बांदा जिले के फतेहगंज थाना क्षेत्र के कारीडांडी गांव के निवासी बुद्धविलास पुत्र जगदेव ने अपने बड़े बेटे अशोक की हत्या के मामले में कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार कर्वी कोतवाली क्षेत्र के भवानीपुर गांव में बीती 8 फरवरी 2014 की शाम छह बजे गांव के ही रमेश पुत्र जगदीश व राजू पुत्र कोदा उसके बेटे अशोक को घर के सामने से पकड़कर ले गए थे। घर के बाहर मौजूद अशोक की बेटी सुधा के टोकने पर दोनों ने कहा था कि अशोक को मार कर महुआ के पेड़ में टांग देंगे।

इसके बाद दूसरे दिन 9 फरवरी को भवानीपुर के कोरिनपुरवा मजरे के पास अशोक का शव बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण विशाक्त पदार्थ का सेवन सामने आने पर मृतक के पिता ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया, किन्तु सुनवाई न होने पर उसने मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के यहां धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया। जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में रमेश पुत्र जगदीश, राजू व चुनकावन पुत्रगण कोदा, मतुवा पुत्र छतैनिहा व दल्लू पुत्र कैरा के विरूद्ध धारा 302 और 201 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।

दलीलें सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश ने सुनाया निर्णय

बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश विष्णु कुमार शर्मा ने शुक्रवार को निर्णय सुनाया। जिसमें हत्यारोपी राजू और रमेश को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। शेष आरोपियों को दोष मुक्त किया गया। अर्थदण्ड से प्राप्त धनराशि का 50 फीसदी मृतक अशोक के पुत्र व पुत्री को देने के आदेश दिए गए हैं।

Deepak Kumar

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