×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Chitrakoot: डकैत ददुआ का दाहिना हाथ राधे जेल हुआ रिहा, 14 साल 11 महीने तक काटी सजा

Chitrakoot News Today: डकैत ददुआ का दाहिना हाथ कहा जाने वाला दुर्दांत सूबेदार सिंह उर्फ राधे की 14 साल 11 महीने जेल काटने के बाद सोमवार की शाम जिला कारागार से रिहाई हो गई।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 9 Jan 2023 10:34 PM IST
Chitrakoot News
X

14 साल 11 माह बाद जेल से रिहा हुआ डकैत राधे

Chitrakoot News Today: डकैत ददुआ का दाहिना हाथ कहा जाने वाला दुर्दांत सूबेदार सिंह उर्फ राधे की 14 साल 11 महीने जेल काटने के बाद सोमवार की शाम जिला कारागार से रिहाई हो गई। राधे की रिहाई हाईकोर्ट के आदेश पर सजा पूरी करने के बाद सशर्त हुई है। उसे एक मामले में जिला स्तरीय न्यायालय से फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसे बाद में हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था।

यूपी-एमपी के बीहड़ में करीब चार दशक तक आतंक का पर्याय रहे डकैत ददुआ का सूबेदार सिंह उफ राधे को दाहिना हाथ माना जाता रहा है। राधे मूल रुप कर्वी कोतवाली क्षेत्र के सपहा गांव का रहने वाला है। जिसने आतंक के दम पर जंगल किनारे बसे बहिल पुरवा थाना क्षेत्र के शीतलपुर गांव को अपना खास ठिकाना बनाया था। डकैत ददुआ को एसटीएफ ने 22 जुलाई 2007 को मानिकपुर थाना क्षेत्र के झलमल के समीप जंगल में मार गिराया था। इसके बाद राधे अपने कुछ बचे साथियों के साथ करीब डेढ़ वर्ष तक पाठा के बीहड़ में गैंग बनाकर घूमता रहा। वह साढ़े तीन लाख का इनामी घोषित होने के बाद यूपी एसटीएफ के निशाने पर आया।

24 फरवरी 2008 को आधा दर्जन साथियों के साथ राधे ने किया था सरेंडर

बताते हैं कि राधे अपनी जान बचाने के लिए एमपी के एक असरदार नेता के जरिए नाटकीय ढंग से सतना जिले के मझगवां थाना क्षेत्र में 24 फरवरी 2008 को आधा दर्जन साथियों के साथ सरेंडर हो गया था। इसके बाद राधे को बांदा जिला कारागार लाया गया। जेल स्थानांतरित होने के बाद वह जिला कारागार रगौली में निरुद्ध रहा। राधे के ऊपर यूपी-एमपी के थानों में एक सैकड़ा से अधिक मामले दर्ज थे। जिला कारागार रगौली से सोमवार की देर शाम हाईकोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया है। एसपी बृंदा शुक्ला ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर जिला कारागार से छोंडा गया है। राधे को नरसंहार के मामले में जिला स्तरीय न्यायालय से फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसे हाईकोर्ट बाद में आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था। यह सजा पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने रिहा करने के आदेश दिए थे।

डकैत ददुआ का मास्टर माइंड था राधे

चार दशक तक पाठा के बीहडों में यूपी-एमपी सरकार की चुनौती देने वाले डकैत ददुआ की यूं ही बादशाहत कायम नहीं रही, बल्कि इसके पीछे कहीं न कहीं डकैत राधे ही मास्टर माइंड रहा है। लौघटा में चंदन यादव का सिर काटकर गांव में घुमाना या फिर क्षेत्र के जाने-माने मडैयन के पूर्व प्रधान देव कुमार करवरिया का अपहरण व मऊ गुरदरी में ट्रैक्टर सहित पिता-पुत्र को जिंदा जलाने जैसी वारदात को अंजाम देने में राधे ही सूत्रधार रहा है।

राधे के इशारे पर परिवारिक व नजदीकी बनते रहे जनप्रतिनिधि

डकैत राधे का पाठा के बीहड़ में इस कदर आतंक रहा कि पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा व लोकसभा के चुनाव में फरमान चलता रहा है। जिले में करीब दो दर्जन ग्राम पंचायतों में प्रधान से लेकर लगभग आधा दर्जन जिला पंचायत सदस्य बनाने में दखलंदाजी उसकी रही है। उसने पत्नी को शीतलपुर से निर्विरोध कई बार प्रधान व भाई को सपहा, भतीजे को जिला पंचायत सदस्य भी बनाया था।



\
Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story