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Chitrakoot: सांस्कृतिक संध्या में भरतनाट्यम शैली में राम कथा की प्रस्तुत, शरदोत्सव में आज होगे ये कार्यक्रम

Chitrakoot: धर्मनगरी चित्रकूट में ग्रामोदय मेला के दौरान आयोजित शरदोत्सव की प्रथम सांस्कृतिक संध्या में भोपाल से आईं नृत्यांगना डॉ. लता सिंह मुंशी व समूह ने भरतनाट्यम शैली में राम कथा प्रस्तुत की।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 10 Oct 2022 1:43 PM IST
Chitrakoot News In Hindi
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भरतनाट्यम शैली में राम कथा की प्रस्तुत

Chitrakoot: धर्मनगरी चित्रकूट में ग्रामोदय मेला (Gramodaya Mela) के दौरान आयोजित शरदोत्सव की प्रथम सांस्कृतिक संध्या में भोपाल से आईं नृत्यांगना डॉ. लता सिंह मुंशी (Dancer Dr. Lata Singh Munshi) व समूह ने भरतनाट्यम शैली में राम कथा प्रस्तुत की। एक घंटा 15 मिनट की इस प्रस्तुति की शुरुआत परांपरा अनुसार 'पुष्पांजलि' के साथ हुई। इसमें राम स्तुति से श्रीराम के चरित्र का वर्णन किया गया।

जाके प्रिय ना राम वैदेही पर दी प्रस्तुति

इस क्रम में महाकवि तुलसीदाल रचित 'जाके प्रिय ना राम वैदेही...' पर खूबसूरत प्रस्तुति दी गई। नृत्य के जरिए समझाया कि जिन्हें राम प्रिय नहीं हैं, उन्हें तज देने में ही आपकी भलाई है। नृत्यांगनाओं ने रामकथा की प्रस्तुति में राम जन्म और बाल्यावस्था का वर्णन किया। इसमें 'ठुमक चलत रामचंद्र बाजे पैजनियां.' पर नृत्य पेश किया। इसके बाद अगली प्रस्तुति में गुरु वशिष्ठ के आश्रम का वर्णन किया।


भजनों से धर्ममय हुआ माहौल

रामकथा के बाद मशहूर भजन गायिका मैथिली ठाकुर एवं साथी मधुबनी, बिहार द्वारा भजनों की प्रस्तुति की गई। उनके कंठ से निकले भजनों को सुन श्रोता झूम उठे। रामा रामा रटते रटते,बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की डगरिया॥ गाया तो श्रोता भक्ति में लीन हो उठे। अपने स्थान से खड़े होकर मैथिली का उत्साहवर्द्धन किया। राम सिया भेज दियो री बन में, दीवानी तैने का ठानी मन में, राम सिया भेज दये री बन में उसके बाद सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है, लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आये है....आदि भजनों के साथ हारमोनियम और तबले की जुगलबंदी के बीच भक्ति रस की कुछ ऐसी छठा बिखरी की पूरा माहौल धर्ममय हो गया।


सुर और संगीत का क्षेत्र जीवन भर सीखने का है: मैथिली ठाकुर

भजन संध्या के बाद मैथिली ठाकुर ने बताया कि सुर और संगीत का क्षेत्र जीवन भर सीखने का है। शास्त्रीय संगीत उन्हें विरासत में मिला। कहा कि उन्हें पिता रमेश ठाकुर ने ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दी, वही उनके असली गुरु हैं।

10 अक्टूबर को ऋषि विश्वकर्मा एवं साथी सागर द्वारा भक्ति संध्या तथा रोजलिन सुंदराय एवं साथी उड़ीसा द्वारा शिव शक्ति ओडिसी समूह और बन सिंह भाई चामायड़ा भाई राठवा एवं साथी गुजरात द्वारा राठवा जनजातीय लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी। 11 अक्टूबर को युवाओं के बेहद पसंदीदा कवि मशहूर शायर कुमार विश्वास एवं साथी दिल्ली द्वारा काव्य पाठ का आयोजन होगा।


शरदपूर्णिमा की चांदनी में दर्शकों ने लिया खीर का आनंद

जब चन्द्रमा अपनी समस्त कलाओं के साथ होता है और धरती पर अमृत वर्षा करता है, इस अमृत वर्षा का लाभ हर मानव को मिले इसी उद्देश्य से राष्ट्रऋषि नानाजी के 106 वें जन्मदिवस पर शरदपूर्णिमा की चांदनी में सैकड़ों दर्शकों ने दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा प्रसाद रूप में वितरित की गई अमृतमयी खीर का आनंद लिया।



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Deepak Kumar

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