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तुलसीदास से जुड़ा हुआ है ये तीर्थस्थल, अब रेलवे सर्किट से जोड़ने की उठी मांग
धर्मनगरी चित्रकूट में कई ऐसे स्थान हैं जहां विकास हो जाये तो समूचे जनपद का चहुमुखी विकास संभव है। ऐसा ही एक स्थान है तुलसीतीर्थ राजापुर जहां का विकास दशकों से अटका पड़ा है।
राजापुर/चित्रकूट: धर्मनगरी चित्रकूट में कई ऐसे स्थान हैं जहां विकास हो जाये तो समूचे जनपद का चहुमुखी विकास संभव है। ऐसा ही एक स्थान है तुलसीतीर्थ राजापुर जहां का विकास दशकों से अटका पड़ा है।
इस स्थान की पहचान गोस्वामी तुलसीदास से जुड़ी है जिस कारण इसका विकास न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस स्थान में पर्यटन की दृष्टि से काफी संभावनाएं हैं जिसे योगी सरकार को समझना होगा। इसी क्रम में राजापुर को एकबार फिर दशकों बाद रेलवे सर्किट से जोड़ने हेतु आवाज बुलंद हुई है। इस आवाज को बुलंद करने का काम कर रहे हैं राजापुरवासी।
ऐसे ही नागरिक हैं व्यापारी नेता शिवपूजन गुप्ता , जिन्होंने इस दिशा में उच्चाधिकारियों और शासन स्तर पर आवाज बुलंद कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर जिले के नोडल अधिकारी कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल नन्दी तक इस मांग को पहचाने का काम किया है शिवपूजन गुप्ता सहित कई नगरवासियों ने जिसका असर निकट भविष्य में देखने को मिलेगा।
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काफी समय तक ठंडे बस्ते में रहा मामला
गौरतलब हो कि राजापुर को रेलवे सर्किट से जोड़ने हेतु अंग्रेजों के समय एक प्रयास हुआ था। यहाँ के लोगों की मानें तो उस समय इस बाबत अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करके प्रोजेक्ट की शुरुआत भी होने वाली थी। लेकिन फिर पता नहीं क्या हुआ और ये पूरा मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया।
आपको बता दें की राजापुर गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली होने के साथ साथ वनवास के दौरान भगवान राम का वनगमन मार्ग भी रहा है। दरअसल कौशाम्बी जनपद के भरवारी व चित्रकूटधाम रेलवे स्टेशन से लगभग 40-50 किमी की दूरी पर कोई भी रेलमार्ग नही है । जिससे तीर्थ यात्रियों को चित्रकूट ,प्रयागराज ,अयोध्या, गोरखपुर ,बनारस आदि स्थानों पर जाने के लिए प्राइवेट बसों का प्रयोग करना पड़ता है।
राजापुर तुलसीतीर्थ होने के साथ साथ गोस्वामी तुलसी की जन्मस्थली और धार्मिक एवं व्यावसायिक नगरी है । रेलवे लाइन न होने से व्यापारियों और आम जनमानस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में अगर रेलवे प्रशासन द्वारा चित्रकूटधाम मण्डल रेलवे स्टेशन से कौशाम्बी के भरवारी रेलवे स्टेशन से जोड़कर नई रेलवे लाइन बिछाई जाए तो आम जनमानस को काफी फायदा मिलेगा और रामवनगमन मार्ग में आने वाले श्रद्धालुओं को भी भगवान राम की कर्मस्थली पहुंचने में सरलता होगी।
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