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Chitrakoot News: दो दिन की मोहलत देकर वापस लौटी टीम, एक सप्ताह पहले प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को दिया था नोटिस

Chitrakoot News Today: मराठा कालीन पुरानी कोतवाली भवन से अवैध कब्जे हटाने पहुंचे प्रशासन टीम दो दिन का मोहलत देकर वापस लौट आई। JCB के साथ नायब तहसीलदार टीम लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 14 Jan 2023 5:43 PM IST
In Chitrakoot, the team returned after giving notice of two days extension to the encroachers
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चित्रकूट: अतिक्रमणकारियों को दो दिन की मोहलत की नोटिस देकर वापस लौटी टीम

Chitrakoot News: मराठा कालीन पुरानी कोतवाली भवन से अवैध कब्जे (illegal possession) हटाने पहुंचे प्रशासन टीम दो दिन का मोहलत देकर वापस लौट आई। दो जेसीबी के साथ नायब तहसीलदार टीम लेकर अतिक्रमण (Encroachment) हटाने पहुंचे थे। लेकिन अतिक्रमणकारियों ने त्योहार के बहाने कुछ दिनों का समय मांगा। अवगत कराया कि उनको दूसरी जगह रहने के लिए आवास नहीं मिल पाया है। नायब तहसीलदार ने अल्टीमेटम दिया कि रविवार तक खाली कर दें, अन्यथा सोमवार से अतिक्रमण हटाया जाएगा।

एक सप्ताह पहले एसडीएम सदर ने पुरानी कोतवाली भवन में अवैध तरीके से कब्जा कर रहने वाले 44 लोगों को नोटिसें जारी किया था। जिसमें एक सप्ताह के भीतर खाली न होने पर कब्जे हटाने का अल्टीमेटम दिया गया था। समय पूरा होने के बाद भी अतिक्रमणकारियों ने खाली नहीं किया। फलस्वरूप शनिवार को नायब तहसीलदार मंगल यादव पुलिस फोर्स के साथ दो जेसीबी लेकर कब्जे हटाने पहुंचे। पुरानी कोतवाली भवन के भीतर जेसीबी के साथ प्रशासनिक अमले को देख अतिक्रमणकारियों में हडकंप मच गया।

अतिक्रमणकारीयों ने महिला थाने के सामने किया प्रदर्शन

आनन-फानन अतिक्रमणकारी अपने परिवार समेत घरों से बाहर आकर महिला थाने के सामने एकत्र हो गए। इन लोगों ने कहा कि शहर में किराए के कमरे नहीं मिल रहे है। त्योहार का समय भी चल रहा है। कुछ दिन का समय उनको दिया जाए, ताकि वह लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो सकें। नायब तहसीलदार ने कहा कि एक सप्ताह पहले नोटिस दी गई थी। अगर खोजने की इच्छा शक्ति होती तो जगह मिल गई होती। दो दिन के भीतर दूसरा स्थान खोजकर यहां भवन को खाली कर दें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सोमवार से प्रशासन बलपूर्वक अवैध कब्जा हटाएगा।

भवन किराए में उठाया, खुद अवैध कब्जा कर रह रहे

पुरानी कोतवाली भवन के भीतर अवैध कब्जा करने वालों में कोई गरीब परिवार नहीं है। बल्कि यह अतिक्रमणकारी आर्थिक तौर पर संपन्नता वाले है। इनमें ज्यादातर सरकारी कर्मचारी शामिल है। बताते हैं कि करीब आठ से दस सरकारी शिक्षक और इतने ही पुलिसकर्मी अवैध कब्जे कर रह रहे है। इनके अलावा भी काफी लोग ऐसे है जो पूर्व में यहां कोतवाली संचालन के दौरान तत्कालीन सिपाही व दरोगा के नजदीकी बनकर कब्जा कर लिए है। खास बात यह है कि काफी कब्जेदारों ने अपने मकान भी दूसरी जगह निजी तौर पर बना लिए है, लेकिन उन मकानों को किराए पर उठा दिया है। खुद यहां पर अवैध कब्जा कर वह लोग रह रहे है। सूत्र बताते हैं कि बिजली व नल कनेक्शन को आधार बनाकर वह किसी तरह कानूनी दांवपेंच में मामलेे को उलझाने के प्रयास में है, ताकि उनको कब्जा न छोडना पड़े।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने कहा पुरानी कोतवाली भवन को पूरी तरह खाली कराया जाएगा। दो दिन का समय अतिक्रमणकारियों को दिया गया है। अगर कब्जे खुद नहीं हटाए तो प्रशासन बलपूर्वक हटवाएगा। भवन को अतिक्रमण मुक्त करना है। कोई भी सरकारी जमीन में अवैध कब्जा नहीं कर पाएगा।



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Shashi kant gautam

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