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Chitrakoot: संगम नगरी और काशी से धर्मनगरी की बढ़ेगी कनेक्टिविटी, पर्यटन व औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
Chitrakoot: पिछले माह जुलाई में ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण हुआ है। इस एक्सप्रेस वे की शुरुआत धर्मनगरी के भरतकूप के समीप गोंड़ा गांव के पास से है।
Chitrakoot: प्रदेश सरकार भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट पर काफी मेहरबान है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के जरिए धर्मनगरी को दिल्ली से जोड़ने के बाद अब सरकार ने यहां से संगम नगरी प्रयागराज व काशी को जोड़ने के लिए दो नए एक्सप्रेस वे निर्माण की तैयारी कर ली है। इन दोनों एक्सप्रेस वे के बनने से धर्मनगरी की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसके साथ ही यहां के पर्यटन व औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के नए अवसर आएंगे।
पिछले माह जुलाई में ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण हुआ है। इस एक्सप्रेस वे की शुरुआत धर्मनगरी के भरतकूप के समीप गोंड़ा गांव के पास से है। इसके जरिए प्रदेश सरकार ने धर्मनगरी की कनेक्टिविटी दिल्ली से की है। इसके साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को एमपी से जोड़ने की भी कार्ययोजना चल रही है। जिससे यह एक्सप्रेस वे सीधे चित्रकूट तक पहुंचेगा। इधर प्रदेश सरकार ने चित्रकूट से प्रयागराज एक्सप्रेस वे एवं विंध्य एक्सप्रेस वे चित्रकूट से मिर्जापुर तक बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
मौजूदा समय पर झांसी-मिर्जापुर नेशनल हाईवे के जरिए लोग प्रयागराज व मिर्जापुर के लिए सफर कर रहे है। प्रस्तावित दोनों एक्सप्रेस वे बनने से धर्मनगरी की कनेक्टिविटी संगम नगरी प्रयागराज व काशी नगरी वाराणसी से बढ़ जाएगी। समाजसेवी आलोक द्विवेदी कहते हैं कि यह दोनों एक्सप्रेस वे बनने से धर्मनगरी में पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। जिससे पर्यटन विकास में और अधिक तेजी आएगी। रोजगार के अवसर में बढ़ोत्तरी होगी।
व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष ओम केशरवानी कहते हैं कि व्यापार की दृष्टि से यहां के ज्यादातर व्यापारी कानपुर बाजार जाते है। लेकिन इन दोनों के बनने से वाराणसी से भी कारोबार जुड़ जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता बुआराम शुक्ला का कहना है कि प्रयागराज शिक्षा का हब माना गया है। एक्सप्रेस वे बनने पर आवागमन में लोगों को कम समय लगेगा। इसके साथ ही वाराणसी व प्रयागराज के लोग धर्मनगरी के रास्ते एक्सप्रेस वे से सीधे दिल्ली का आसानी से कम समय में सफर तय कर लेंगे।