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Chitrakoot News: युवती की आत्महत्या मामले में प्रेमी सहित ग्राम प्रधान की जमानत याचिका खारिज
Chitrakoot News: युवती द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में आरोपी ग्राम प्रधान की जमानत सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने खारिज कर दी है।
Chitrakoot News: प्रेमी के साथ रिश्ता तय होने के बाद भी शादी न होने से आहत युवती द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में आरोपी ग्राम प्रधान की जमानत सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने खारिज कर दी है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम सुंदर मिश्रा ने बताया कि रैपुरा थाने में एक व्यक्ति ने अभियोग पंजीकृत कराया था। शिकायतकर्ता के अनुसार रैपुरा थाने के भौंरी गांव के तरकहवा पुरवा के निवासी अखिल राजपूत ने उसकी बेटी के साथ बीती 1 अक्टूबर 2023 को बलात्कार किया था। इस घटना के एक सप्ताह बाद आरोपी और पीड़िता के परिजनों के बीच पंचायत हुई। जिसमें बेटी के साथ अखिल राजपूत की शादी कराए जाने को लेकर सुलह कर ली गई और 22 अक्टूबर 2023 को उसने शादी के लिए अखिल के पिता मुन्नालाल को बयाना भी दे दिया।
सुसाइड नोट में प्रेमी सहित परिवार को ठहराया था जिम्मेदार
इसके कुछ दिन बाद आरोपी अखिल राजपूत की मां भौंरी की वर्तमान ग्राम प्रधान सत्यभामा व उसके पिता मुन्नालाल ने अधिक दहेज की मांग को लेकर शादी करने से इन्कार कर दिया। जिसके बाद उसने धारा 156(3) के तहत न्यायालय में वाद दायर किया था। इस परिवाद में बीती 8 अप्रैल को तारीख भी लगी थी। शादी टूटने से अवसाद में रहने के कारण उसकी बेटी ने 9 अप्रैल को घर में आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के पूर्व उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा था। जिसमें उसने अपनी मौत के लिए अखिल और उसके परिवार को जिम्मेदार ठहराया था।
पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपी ग्राम प्रधान सत्यभामा और उसके बेटे अखिल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। घटना में आरोपी अखिल की मां सत्यभामा द्वारा जमानत के लिए अधिवक्ता के जरिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था। बचाव और अभियोजन पक्ष की अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने मंगलवार को निर्णय सुनाया। जिसमें उन्होंने जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त करने के आदेश दिए हैं।
मृतका के सुसाइड नोट में लिखा था यह
तुम्हें तो भारी खुशी हो गई होगी न, मेरे साथ इतनी बड़ी घटना करने के बाद, तुम्हें अपने बड़े एवं पैसा होने का इतना घमंड था, मेरे बारे में थोड़ा सा भी नहीं सोचा, तुम ही लोगों की वजह से मैं आत्महत्या कर रहीं हूं। मेरे अपने घर वालों से हाथ जोड़कर निवेदन है कि इस पत्र को प्रधान मुन्नालाल, अखिल को जरूर पढ़ा देना। मेरे और अखिल के बीच में जो कुछ भी था वह सब सच में सही था। मैंने यह बात अखिल को बहुत पहले ही बता दी थी कि मैं तुम्हारी वजह से ही मर जाऊंगी।