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Chitrakoot: भव्य तरीके से रवाना होगी चरण पादुका यात्रा, कूप के पवित्र जल से स्नान के बाद होगी पूजा
Chitrakoot News: यात्रा में मुख्य रुप से इंदौर के सत्यनारायन मौर्य सत्या बाबा रहेंगे। इंदौर से ही यात्रा के लिए रथ बनवाया गया है। एक दिन पहले रविवार को मुख्य रथ धर्मनगरी पहुंच गया। धर्मनगरी में चरण पादुका यात्रा को लेकर मठ-मंदिर भव्य तरीके से सजाए गए है।
Chitrakoot News: जन्मभूमि अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले तपोभूमि चित्रकूट से मकर संक्रांति में सोमवार को भगवान राम की चरण पादुका यात्रा भव्य तरीके से रवाना होगी। यात्रा में श्रीराम चरण चिन्ह व चरण पादुका होंगी। यह जन्मभूमि अयोध्या से आई है। जिनकी भरतकूप में स्थित कूप के पवित्र जल से स्नान के बाद पूजा होगी। इसके बाद मंदाकिनी के जल से भी स्नान कर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ साधू-संत भरत मंदिर में पूजन करेंगे। चरण पादुका यात्रा धर्मनगरी से रवाना होने के बाद श्रीराम वनगमन मार्ग होते हुए 19 जनवरी को जन्मभूमि अयोध्या पहुंचेगी।
यात्रा में मुख्य रुप से इंदौर के सत्यनारायन मौर्य सत्या बाबा रहेंगे। इंदौर से ही यात्रा के लिए रथ बनवाया गया है। एक दिन पहले रविवार को मुख्य रथ धर्मनगरी पहुंच गया। धर्मनगरी में चरण पादुका यात्रा को लेकर मठ-मंदिर भव्य तरीके से सजाए गए है। साधू-संतों से लेकर प्रशासन व आम लोगों ने भव्य तैयारियां की है। यात्रा के रुट की साफ-सफाई कराई गई है। चित्रकूट स्थित खोही से यात्रा का शुभारंभ होगा। यह यात्रा भरतकूप जाएगी। वहां से वापस खोही आने पर फिर पैदल यात्रा शुरु होगी। करीब साढ़े तीन किमी तक चलने वाली पैदल यात्रा में राम भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। राम के जयघोष से तपोभूमि गूंजेगी।
स्वागत के लिए जगह-जगह तोरण द्वार बनाए गए है। रामघाट स्थित भरत मंदिर में यात्रा के स्वागत को लेकर तैयारियां की गई है। यात्रा के दौरान लोग पुष्प वर्षा करेंगे। सातो अखाडों के निशानों के साथ हाथी, घोडा, पालकी व शंख ध्वनि की गूंज रहेगी। शोभा यात्रा में महिलाएं भी शामिल होंगी। धर्मनगरी में मुख्य रुप से आठ जगह यात्रा का भव्य स्वागत होगा। इधर श्रीलंका के अशोक वाटिका से आई चरण पादुका यात्रा ने रविवार को धर्मनगरी का भ्रमण किया। रामघाट, परिक्रमा मार्ग, कामदनाथ मंदिर आदि का भ्रमण करते हुए यात्रा घूमी।
रामायण मेला सभागार में होंगे भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम
सोमवार को धर्मनगरी का भ्रमण करते हुए अपरान्ह बाद चरण पादुका यात्रा रामायण मेला परिसर पहुंचेगी। यहां पर सांस्कृतिक एवं पर्यटन विभाग की ओर से भव्य कार्यक्रम आयोजित होंगे। मुंबई की मसहूर भजन गायिका तृप्ती शाक्या के अलावा स्थानीय कलाकारों की टीमें सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी।
यात्रा के समन्वयक ने भरतकूप मंदिर में ली जानकारी
चरण पादुका यात्रा में तीन रथ रहेंगे। मुख्य रथ के अलावा अन्य दो रथों में भगवान के स्वरुपों की झांकी रहेंगी। जिला प्रशासन ने यात्रा के रुट पर अतिक्रमण भी हटवाया है। शासन स्तर से चरण पादुका यात्रा के लिए समन्वय के लिए संस्कृति निदेशालय के सहायक निदेशक तुहिन द्विवेदी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यात्रा के एक दिन पहले रविवार को सहायक निदेशक ने पूरे रुट का भ्रमण किया। भरतकूप पहुंचकर मंदिर के पुजारी से तैयारियों की जानकारी ली।
ड्रोन कैमरे से होगी निगरानी
यात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए है। शुभारंभ पर जनप्रतिनिधियों के अलावा कमिश्नर, डीआईजी, डीएम, एसपी आदि मौजूद रहेंगे। जिला प्रशासन ने पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल लगाया है। कारण कि मकर संक्रांति मेला होने की वजह से भरतकूप में काफी भीड़ रहेगी। यही हाल चित्रकूट में भी होने की संभावना है। फलस्वरूप पुलिस ने सुरक्षा को लेकर ड्रोन कैमरे से निगरानी का इंतजाम किया है। खुफियातंत्र को भी सक्रिय किया गया है।
धर्मनगरी के मठ-मंदिरों में पूजा शुरु
तपोभूमि के मठ-मंदिरों में पूजा की शुरुआत हो चुकी है। रविवार को तीर्थ क्षेत्र के सभी मंदिरों में व्यवस्थापकों ने स्वच्छता अभियान चलाया। जिसमें खुद संत-महंतों ने मंदिरों की धुलाई कराई। इसके साथ ही शाम को दीप जलाए गए। धर्मनगरी में अभी से ही उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। जिला प्रशासन ने आगामी 16 से 22 जनवरी तक 354 मंदिरों में श्रीराम नाम संकीर्तन एवं अखंड रामायण पाठ कराने की तैयारियां की है।
22 को मंदिरों में भंडारा के साथ ऊनी वस्त्रों का होगा वितरण
जिला प्रशासन ने प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को काफी इंतजाम किए है। जिसमें डीएम ने एसपी से नावो से पुलिस पेट्रोलिंग करने को नाविक व यात्रियों के लिए लाइफ जैकेट की व्यवस्था कराने के लिए कहा है। आम जनमानस से आगामी 18 से 22 जनवरी के बीच अयोध्या न जाने की अपील की जा रही है। गोवंश तस्करी पर पूर्णत प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए है। घर-घर 22 जनवरी को दीप जलवाने को प्रेरित किया जा रहा है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी व सभी ईओ को निर्देश दिए गए हैं कि 22 जनवरी को अपरान्ह बाद मंदिरों में भंडारा कराकर ऊनी वस्त्रों कंबलों का वितरण कराए। शाम को हर घर व घाट-मंदिरों में दीपोत्सव के कार्यक्रम कराएं।