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Jal Jeevan Mission : जल जीवन मिशन के तहत निर्माण कार्यों में चित्रकूट देश में अव्वल, बदल गई जिले की तस्वीर
Chitrakoot: इस परियोजना में जिले में 4500 किलोमीटर से अधिक लम्बी पाइपलाइन डाली गई है। इस कार्य में 5000 से अधिक श्रमिक, 400 से अधिक कुशल इंजीनियर एवं अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया गया।
Jal Jeevan Mission: विशिष्ट प्रकार की चुनौतियों के बीच दिन-रात किया जा रहे कार्यों की प्रशंसा चित्रकूट जनपद से दिल्ली तक कुछ ऐसी पहुंची की जनपद के लिए एक गौरवान्वित करने वाला क्षण लेकर के आई। जनपद चित्रकूट को पूरे देश में ’फास्टेस्ट मूविंग डिस्ट्रिक्ट’ का तमगा हासिल हुआ। इस अवसर पर जनपद के मिशन के कार्यों में लगे हुए अभियंताओं कर्मचारियों अधिकारियों एवं अन्य प्रशासनिक अमले में खुशी के लहर दौड़ गई। प्राप्त हुए सर्टिफिकेट का अवलोकन करके डीएम श्री अभिषेक आनंद एवं एडीएम सुनंदु सुधाकर ने पूरी टीम के अथक परिश्रम की प्रशंसा की एवं इस जनपद के लिए गौरव का क्षण बताया।
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड के इस सूखा ग्रस्त इलाके में इस प्रकार क़ी परियोजना अनूठी है एवं यहां की जनता को निर्बाध, सुलभ, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। परियोजना के अंतर्गत 3 इन्टेक वेल, 3 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, 133 ओवर हेड टैंक का निर्माण अंतिम चरण में है, परियोजना को कार्यन्वित करने के लिए आधुनिक मशीनरी, कुशल श्रमिक एवं जिन संसाधनों का इस्तेमाल किया गया वह केवल हाई स्पीड परियोजना में ही दिखता है, यह भी अपने आप में एक मिसाल कायम करता है।
महज 60 दिनों में अप्रोच ब्रिज का निर्माण
निर्माण के इसी क्रम में सिलौटा मुस्तकील एवं चांदी बांगर परियोजना अंतर्गत, सिलौटा इन्टेक वेल पर 205 मीटर लम्बे अप्रोच ब्रिज का निर्माण प्रीकास्ट तकनीक का इस्तेमाल करते हुए केवल 60 दिनों में किया गया। साथ ही साथ, चांदी बांगर इन्टेक वेल के निर्माण में अति आधुनिक स्कूबा डाइविंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जो कि उत्तर प्रदेश में संचालित परियोजनाओं में इकलौता एवं उत्कृष्ट उदहारण है।
4500 किलोमीटर बिछी पाइपलाइन
इस परियोजना में जिले में 4500 किलोमीटर से अधिक लम्बी पाइपलाइन डाली गई है। इस कार्य में 5000 से अधिक श्रमिक, 400 से अधिक कुशल इंजीनियर एवं अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया गया जो कि इस प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। विभिन्न चुनौतियों से जूझ रही परियोजना के लिए पिछला 1 वर्ष वरदान लेकर आया जबकि अधिकतम मशीनरी मैनपॉवर डाल करके सर्वोच्च गति से काम को अन्य जनपदों के समानांतर लाकर खड़ा कर दिया गया है जिसकी प्रशंसा प्रदेश से लेकर के दिल्ली तक पहले भी हो चुकी है।
अभी कुछ महीने पहले ही सीआईडीसी नीति आयोग के द्वारा भी प्रोजेक्ट मैनेजर जितेंद्र कुमार तिवारी ने कहा, सिलौटा मुस्तकिल एवं चांदीबगर परियोजना के लिए उत्कृष्ट पुरस्कार प्राप्त कर जिले का गौरव बढ़ाया। दिल्ली से प्राप्त हुए सर्टिफिकेट को अधिशासी अभियंता संजय गुप्ता , प्रॉजेक्ट हेड जितेंद्र कुमार तिवारी, टीपीआई परियोजना प्रबंधक,अभय नारायण दीक्षित, जीबीपीआर के श्रीनिवास ने जिलाधिकारी अभिषेक आनंद एवं एडीएम सुनंदू सुधाकरण तथा सीडीओ अमृत पाल कौर को प्रस्तुत किया ।
20 किलोमीटर प्रतिदिन पाइप बिछाया
अभी तक इन परियोजनाओं में 1.5 करोड़ सुरक्षित श्रमिक घंटे पूर्ण कर लिए गए हैं। यह खुद अपने आप में एक रिकॉर्ड है। ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल के द्वारा प्रोजेक्ट को उनकी लिस्ट में चयनित किया गया है। प्रोजेक्ट के पास 20 किलोमीटर प्रतिदिन पाइप डालने का और 2000 से अधिक कनेक्शन करने का भी उल्लेखनीय रिकार्ड मौजूद है।