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Chitrakoot News: गौवंश का डंपिंग यार्ड! जानिए कैसे किया जा रहा मृत पशुओं के साथ गैरजिम्मेदाराना सलूक

Chitrakoot News: मरने के बाद गौवंशों को वाहनों में लादकर देवांगना घाटी के ऊपर फेंका जा रहा है। जहां मृत पशुओं की दुर्गंध व उनका भक्षण करते आवारा कुत्तों को देख लोगों का पास से गुजरना मुश्किल हो गया है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 24 May 2023 1:12 PM GMT
Chitrakoot News: गौवंश का डंपिंग यार्ड! जानिए कैसे किया जा रहा मृत पशुओं के साथ गैरजिम्मेदाराना सलूक
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गौवंश का डंपिंग यार्ड

Chitrakoot News: गोवंश संरक्षण के नाम पर प्रदेश सरकार गौशालाओं का संचालन कर रही है। नगरीय निकायों में कान्हा गौशाला तो ग्राम पंचायतों भी चारा-भूसा की सुविधाओं से लैस गौशालाएं संचालित की जा रही है। इन गौशालाओं में संरक्षित गौवंशों के संरक्षण में जिम्मेदार लंबी-चौड़ी बातें करते नजर आते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि इनमें बदतर व्यवस्थाओं की वजह से गौवंशों की जिस तरह से हालत हो रही है, लोगों के लिए देखना मुश्किल है। मरने के बाद गौवंशों को वाहनों में लादकर देवांगना घाटी के ऊपर फेंका जा रहा है। जहां मृत पशुओं की दुर्गंध व उनका भक्षण करते आवारा कुत्तों को देख लोगों का पास से गुजरना मुश्किल हो गया है।

जमीन में दबाने के बजाए खुले में छोड़ दिए जाते हैं गौवंश के शव

मुख्यालय कर्वी से करीब छह किमी दूर देवांगना घाटी के ऊपर हवाई पट्टी से कुछ दूर आगे फेंके गए मृत गौवंश काफी संख्या में देखे जा सकते हैं। ये गौवंश कहां के हैं और किसने फेंका, इस पर हर कोई कुछ कहने से बच रहा है। गौशाला संचालक सिर्फ यही कहकर अपना बचाव कर रहे हैं कि उनकी गौशाला के नहीं हैं। लेकिन हकीकत को शायद वह छिपा नहीं पा रहे हैं। क्योंकि जिन सरकारी वाहनों से मरने के बाद गौवंशों को लादकर फेंका गया है, वह सभी की जानकारी में है।

पाठा क्षेत्र को जाने वाले इस मार्ग के किनारे पड़े गौवंशों की दुर्गंध से लोगों का आवागमन मुश्किल हो रहा है। बताते हैं कि इधर कई दिनों से नगर पालिका कर्वी की गाड़ियां मरे हुए गौवंश लादकर देवांगना घाटी में फेंकने पहुंच रही हैं। जिनको गड्ढा खोदने के बाद दफन कराने के बजाय वैसे ही फेंक कर कर्मचारी चले आए। आने-जाने वाले लोग बताते हैं कि यहां पर काफी पहले से मृत गौवंशों को फेंका जा रहा है। यह गौवंश गौशाला के है। हालांकि जिम्मेदार यह कहकर खुद को बचाने के प्रयास में है कि ये उनके यहां के नहीं है।

सीबीओ बोले- कान्हा गौशाला से छह गौवंश गायब

नगर पालिका कर्वी की कान्हा गौशाला मुख्यालय से सटे डिलौरा में संचालित है। यहां पर सरकारी तौर पर 558 गोवंश संरक्षित बताए जा रहे हैं। इनकी देखरेख के लिए कई चरवाहों की नियुक्तियां हैं। लेकिन गौशाला की मौजूदा समय पर जिस तरह की हालत है कि उसे देखना मुश्किल होगा। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सुभाषचंद्र का कहना है कि एक दिन पहले मंगलवार को कान्हा गौशाला कर्वी में संरक्षित गौवंशों की गिनती कराई गई है। जहां पर 552 गौवंश जिंदा मिले हैं। उनके हिसाब से छह गौवंश गायब हैं।

ईओ बोले- गौशाला में नहीं मरा कोई गौवंश

देवांगना घाटी में मरने के बाद फेंके गए गौवंशों के ढेर खुद इस बात के प्रमाण हैं कि गौशालाओं में संरक्षण के नाम पर खानापूरी हो रही है। जिस तरह से पालिकाकर्मी वाहनों से मरे गौवंशों को लादकर फेंकने गए है, उससे माना जा रहा है कि नगर पालिका की गौशाला के ही गौवंश हैं। फिर भी ईओ नगरपालिका लाल जी यादव इससे सीधे तौर पर इंकार कर रहे है। उनका कहना है कि नगर पालिका की कान्हा गौशाला में एक भी गौवंश नहीं मरा है। देवांगना घाटी के पास सड़क किनारे मृत पड़े गौवंश कहां के है, वह कुछ नहीं बता सकते।

डीएम ने कहा- कराएंगे जांच

डीएम अभिषेक आनंद का कहना है कि देवांगना घाटी में सड़क किनारे खुले में फेंके गए मृत गौवंशों के मामले की जांच कमेटी गठित कर कराई जाएगी। इन्हें पालिका की गाड़ियों से फेंके जाने की जानकारी मिली है। इसकी जांच कराकर संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

Sunil Shukla (Chitrakoot)

Sunil Shukla (Chitrakoot)

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