Chitrakoot News: तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश, जमकर गिरे ओले

Chitrakoot News: बारिश बंद होने के बाद किसान बदहवाश अवस्था में खेतों की ओर भागें। बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से फसलें गिर गई। वहीं सरसो, चना, मसूर की फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 3 March 2024 2:44 PM GMT
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Chitrakoot News (Pic:Newstrack)

Chitrakoot News: जिले में एक बार फिर तेज हवाओं के साथ बारिश में जमकर ओलावृष्टि हुई। बारिश के साथ ओलावृष्टि होने पर किसान परेशान हो गए। बारिश बंद होने के बाद किसान बदहवाश अवस्था में खेतों की ओर भागें। बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से फसलें गिर गई। वहीं सरसो, चना, मसूर की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बीते माह हुई ओलावृष्टि का घाव भर नहीं पाया कि दुबारा ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड दी है।

बीते शनिवार की शाम से मौसम में एकाएक बदलाव आया। तेज हवाएं चलने के साथ आसमान में काले बादल छा गए। कुछ देर बाद झमाझम बारिश शुरू हो गई। रात आठ बजे के करीब शुरू हुई बारिश लगभग एक घंटे तक होती रही। इसके बाद आधी रात को भी जमकर बारिश हुई। रविवार की सुबह आसमान में बादल छाई रही। हलांकि कुछ देर बाद धूप निकल आई। दोपहर बाद एक बार फिर आसमान में काले बादल छा गए। अपरान्ह तीन बजे मुख्यालय समेत रामनगर, सीतापुर, खोही, भरतकूप, शिवरामपुर समेत अन्य क्षेत्रो के अलावा मप्र क्षेत्र से सटे गांवो में तेज हवाएं चलने के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हुई।

इसी बीच कुछ देर बाद ओलावृष्टि शुरू हो गई। इस दौरान कई बार रूक-रूककर बारिश के साथ ओलावृष्टि होती रही। शाम पांच बजे के बाद बारिश बंद होने के बाद किसान फसलों की हालत देखने के लिए खेतों की ओर भागे। जहां पर देखा कि सरसो, चना, मसूर की फसलें तेज हवाएं चलने पर खेतों पर गिर गई। सरसो की फसल को भारी नुक्सान हुआ है। अरहर, चना में लगे फूल झड गए।

मौसम साफ न होने पर फसलों की उत्पादन पर पडेगा असर

मऊ क्षेत्र के उन्नतशील किसान सूर्यकान्त शुक्ला, सच्चिदानन्द मिश्रा, भारत भूषण द्विवेदी ने बताया कि दो दिनो में मौसम साफ नहीं हुआ और धूप नहीं निकली तो गेहूं व जौ की फसल को छोडकर अन्य फसलों के उत्पादन में भारी गिरावट होगी। इससे किसानो को भारी नकुसान हो सकता है। किसान रमेश शुक्ला मोहनी, संतोष पांडेय रेरूवा, लक्ष्मण प्रसाद मिश्रा इटवा, प्रेमशकंर पांडेय दुबारी आदि ने कहा कि मौसम के बदलाव से किसानो को अभी से कम पैदावार होने की चिन्ता सताने लगी है।

Durgesh Sharma

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