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Chitrakoot: थाना प्रभारी की आनन-फानन फिर वहीं तैनाती पर बिफरे पूर्व सांसद, बोले- जांच के नाम पर हो रहा कोरम पूरा
Chitrakoot News: पूर्व सांसद ने कहा कि, 'पुलिस ने तेजी दिखाते हुए तीन दिन में जांच का कोरम मनमानी तरीके से पूरा कर दिया। आनन-फानन निलंबित सब इंस्पेक्टर बहाल करते हुए संबद्ध सूबेदार बिंद को भरतकूप थाने की यथावत जिम्मेदारी दे दी गई।
Chitrakoot News: भाजपा के पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र (Bhairon Prasad Mishra) डेढ़ सप्ताह पहले भरतकूप के पास हादसे में दो युवकों की मौत के मामले में निलंबित सब इंस्पेक्टर को बहाल करने एवं संबद्ध थाना प्रभारी को दोबारा फिर से उसी थाने में तैनात किए जाने को लेकर बिफर पड़े। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया है। नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि साजिश के तहत मृतक के चाचा के खिलाफ सर्बिस सेंटर संचालक की तरफ से पैसा न देने व धमकाने की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज कराई है। ताकि उस पर दबाव बनाया जा सके।
क्या है मामला?
पूर्व सांसद इस मामले को लेकर सोमवार (04 दिसंबर) को मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए। अवगत कराया कि हादसे में हिमांशु व रामभवन की मौत हुई थी। इस मामले में हिमांशु के चाचा पंकज मिश्र निवासी बीरा ने मुकदमा दर्ज कराया था। पंकज होमगार्ड जवान भी है। पुलिस ने हादसे के बाद दोनों को अस्पताल न ले जाकर प्रक्रिया पूरी नहीं की थी। इस मामले में सब इंस्पेक्टर को निलंबित करते हुए थाना प्रभारी सूबेदार बिंद को जांच होने तक सीओ लाइन कार्यालय संबद्ध किया गया था।
'पुलिस ने जांच के नाम पर कोरम पूरा किया'
पूर्व सांसद ने कहा कि, 'पुलिस ने तेजी दिखाते हुए तीन दिन में जांच का कोरम मनमानी तरीके से पूरा कर दिया। आनन-फानन निलंबित सब इंस्पेक्टर बहाल करते हुए संबद्ध सूबेदार बिंद को भरतकूप थाने की यथावत जिम्मेदारी दे दी गई। आगे कहा कि, पुलिस ने मृतक हिमांशु के चाचा पंकज मिश्र जो कि हादसे वाले मुकदमे के वादी हैं, इन पर दबाव बनाने के लिए पुलिस ने साजिश के तहत खनन माफिया की तहरीर पर पैसा न देने व धमकाने का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। इतना ही नहीं रिपोर्ट दर्ज होने के तुरंत बाद ही पंकज को पुलिस पकड़कर बहिल पुरवा थाने ले गई। जहां पर उसे मानसिक रूप से परेशान किया। इससे पंकज की तबीयत खराब हो गई। पुलिस उसे जिला अस्पताल लेकर आई। फिर परिजनों को अवगत कराया।'
'अधिकारी ख़राब कर रहे सरकार की छवि'
पूर्व सांसद ने ये भी कहा कि, 'अधिकारी सरकार की छवि को खराब कर रहे है। वह इस मामले में कानून के दायरे में रहकर कार्यकर्ता की लड़ाई लडेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को अवगत कराया है। वह जल्द ही पीड़ित को लेकर मुख्यमंत्री के पास जाएंगे। कहा कि डीआईजी से शिकायत की गई है। जिस पर डीआईजी ने पूरे प्रकरण की जांच हमीरपुर जनपद स्थानांतरित कर दिया है।'
गुमराह कर ट्रकों का संचालन कर रहे कुछ लोग
पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र ने ये भी आरोप लगाया कि, 'खुलेआम अवैध खनन और अवैध किया जा रहा है। संगठन उनके साथ है। कुछ जनप्रतिनिधि निजी स्वार्थ के चलते अधिकारियों को गुमराह कर गलत काम करवा रहे है। कहा कि कुछ लोग ऐसे भी है, जिन्होंने खुद के साथ ही अन्य लोगों के ट्रकों में अपना नाम लिखवाकर बालू ढ़ोने का काम कर रहे है'। इधर काफी ट्रकों से नाम पुतवा दिया है, फिर भी कुछ ट्रकों में अब भी नाम लिखा है। इन ट्रकों की तरफ पुलिस और प्रशासन की नजर नहीं जाती है। जबकि साधारण लोगों का उत्पीड़न पुलिस व प्रशासन करते है। वह पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए शुरु से ही साथ है और आगे भी सत्ता में होने के बावजूद सत्याग्रह करेंगे।
होमगार्ड व असरदार कारोबारी एक-दूसरे पर कर रहे वार
हादसे के बाद जिस तरह से मामले ने तूल पकड़ा और अब भी आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है, उसको देखते हुए माना जाए तो सत्ताधारियों की जंग में ट्रक संचालक मोहरे बन चुके है। जिनके कंधे में बंदूक रखकर दोनों तरफ से वार हो रहे है। इस जंग में कहीं न कहीं पुलिस अफसर भी मोहरे बने है। बताते हैं कि एक पक्ष का होमगार्ड कई डंपरो का संचालक है दूसरी तरफ प्रशासन की नाक का बाल कहा जाने वाला असरदार कारोबारी है। जिसके नो इंट्री के दौरान भी सरकारी कार्य की आड में बेधड़क ट्रक फर्राटा भरते है। जबकि होमगार्ड के जवान ने भी अपने ट्रक दौड़ाने के लिए अब तक कर्वी, भरतकूप थाने से लेकर खनिज महकमे में सेवाएं दी है। इसकी आड़ में कई अन्य ट्रक संचालक भी जंग को हवा दे रहे है। देखा जाए तो बगैर रवन्ना व ओवरलोड डंपरो का संचालन करने वाले इस द्वंद में दोनों तरफ से सत्ता पक्ष के नेताओं को मोहरा बनाए हुए है।