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Chitrakoot News: गौरी व्रत में कन्याओं ने किया रात्रिजागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम

Chitrakoot News: रघुवीर मन्दिर के तत्वाधान में गौरी एवं जया पार्वती व्रत में 125 से अधिक कन्याओं ने सहभागिता की। आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी से श्रावण कृष्ण द्वितीया तक चलने वाले इस पाँच दिवसीय व्रत को ट्रस्ट द्वारा विगत चार दशक से मनाया जा रहा है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 25 July 2024 7:24 PM IST
Chitrakoot News
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 Chitrakoot News (Pic: Newstrack)

Chitrakoot News: परमहंस संत रणछोड़दास महाराज की तपस्थली बड़ी गुफा जानकीकुंड स्थित रघुवीर मन्दिर के तत्वाधान में गौरी एवं जया पार्वती व्रत में 125 से अधिक कन्याओं ने सहभागिता की। आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी से श्रावण कृष्ण द्वितीया तक चलने वाले इस पाँच दिवसीय व्रत को ट्रस्ट द्वारा विगत चार दशक से मनाया जा रहा है। महिला समिति की अध्यक्ष उषा जैन ने बताया कि, यह व्रत गुजरात में बड़ी मात्रा में मनाया जाता है। चित्रकूट में इस व्रत की शुरुआत स्व. अरविन्द भाई मफतलाल एवं स्व. सुशीलाबेन मफतलाल की प्रेरणा से हुई थी, जो परम्परा आज भी कायम है।

उन्होंने इस व्रत की महत्ता को बताते हुए बताया कि त्रेता युग में मां जानकी गौरी पूजन करने जा रही तभी एक सखी ने मां जानकी को बताया की फुलवारी में दो बहुत ही सुंदर राजकुमार आए हुए है। उनको देखने की लालसा से मां जानकी फुलवारी पहुंचती है और भगवान राम पर उनकी नजर पड़ती है। नजर पड़ते ही मां गौरी का पूजन कर उनसे प्रार्थना करती है कि भगवान राम ही मुझे पति रूप में मिले और मां गौरी उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती है कि भगवान राम ही तुम्हे पति रूप में मिलेंगे। तब से इस व्रत को अविवाहित महिलाएं मनचाहा वर पाने के लिए ये व्रत रखती है।


साथ ही इस व्रत से हिंदू सनातन धर्म को हमारी आने वाली पीढ़ियां भी जानेगी। प्रतिवर्ष इसकी संख्या में वृद्धि हो रही है। व्रत के अन्तिम चरण में माता गौरी-पार्वती की आराधना में रात्रि जागरण का एवं धार्मिक- साँस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का विधान हैं।


इस वर्ष विद्याधाम सभागार में गुरुभाई-बहनों एवं सदगुरु परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में विभिन्न धार्मिक प्रसंगों पर आधारित नयनाभिराम कार्यक्रम की प्रस्तुति बालिकाओं ने दी जिसे सभी ने खूब सराहा। बुधवार को सुबह पूजन के बाद प्रार्थना भवन से रघुवीर मन्दिर शोभा यात्रा निकाली गयी तथा कन्या पूजन एवं ज्वारा विसर्जन के साथ व्रत की पूर्णाहुति हुई।



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Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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